ETV Bharat / international

हेलीकॉप्टर घोटाला : मिशेल के परिवार ने ब्रिटिश सरकार से हस्तक्षेप की लगाई गुहार - यूएई से लाया गया था मिशेल

दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद क्रिश्चियन मिशेल के परिवार ने ब्रिटेन सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. मिशेल वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले का आरोपी है.

क्रिश्चियन मिशेल
क्रिश्चियन मिशेल
author img

By

Published : Jun 4, 2021, 4:12 AM IST

Updated : Jun 5, 2021, 11:39 AM IST

लंदन : वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद क्रिश्चियन मिशेल के ब्रिटेन और फ्रांस में रह रहे परिवार ने भारत में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हालात के मद्देनजर आरोपी के स्वास्थ्य को लेकर गुरुवार को चिंता जताई. परिवार ने ब्रिटेन सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.

ब्रिटिश बिचौलिये मिशेल के बेटे एलरिक और एलोइस मिशेल ने कहा कि वे भारत की जेलों में कोविड-19 के मामलों और अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित है जिन्हें गुर्दे में पथरी की शिकायत है.

यूएई से लाया गया था मिशेल

विवादित हेलीकॉप्टर सौदे के सिलसिले में मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित कराकर भारत लाया गया था.

लंदन स्थित ग्यूरनिका 37 इंटरनेशनल जस्टिस चैंबर्स द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में 26 वर्षीय एलरिक ने कहा, 'यह हमारे लिए बहुत मुश्किल है, खासतौर पर 17 वर्षीय हमारी बहन के लिए. हम कोविड-19 के मद्देनजर अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं.'

गौरतलब है कि मिशेल अगस्तावेस्टलैंड कंपनी में परामर्शदाता के तौर पर काम करता था. उसपर आरोप है कि उसने 2010 में 12 हेलीकॉप्टरों का सौदा प्राप्त करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी.

क्या है अगस्ता वेस्टलैंड मामला

बता दें कि फरवरी 2010 में भारत सरकार ने ब्रिटिश-इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ वायुसेना के साथ 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर का सौदा किया था. इनमें से आठ हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी लोगों के लिए होना था.

इस सौदे की कीमत 3600 करोड़ रुपए थी, लेकिन जनवरी 2014 में सौदे की शर्तें पूरी न होने और 360 करोड़ रुपये के कमीशन का भुगतान करने के आरोपों के बाद भारत ने इस सौदे को रद्द कर दिया था. सौदे को रद्द करने का जब आदेश जारी किया गया, तो उस समय तक भारत ने लगभग 1100 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था. साथ तीन अन्य हेलिकॉप्टर के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया जारी थी.

पढ़ें- भारत समेत एशियाई देशों को 70 लाख वैक्सीन देगा अमेरिका

2014 में विवाद सामने आने पर रक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को सौंप दी. पूरे प्रकरण में पूर्व वायुसेना प्रमुख समेत कई अधिकारियों के नाम सामने आए थे.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद क्रिश्चियन मिशेल के ब्रिटेन और फ्रांस में रह रहे परिवार ने भारत में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हालात के मद्देनजर आरोपी के स्वास्थ्य को लेकर गुरुवार को चिंता जताई. परिवार ने ब्रिटेन सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.

ब्रिटिश बिचौलिये मिशेल के बेटे एलरिक और एलोइस मिशेल ने कहा कि वे भारत की जेलों में कोविड-19 के मामलों और अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित है जिन्हें गुर्दे में पथरी की शिकायत है.

यूएई से लाया गया था मिशेल

विवादित हेलीकॉप्टर सौदे के सिलसिले में मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित कराकर भारत लाया गया था.

लंदन स्थित ग्यूरनिका 37 इंटरनेशनल जस्टिस चैंबर्स द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में 26 वर्षीय एलरिक ने कहा, 'यह हमारे लिए बहुत मुश्किल है, खासतौर पर 17 वर्षीय हमारी बहन के लिए. हम कोविड-19 के मद्देनजर अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं.'

गौरतलब है कि मिशेल अगस्तावेस्टलैंड कंपनी में परामर्शदाता के तौर पर काम करता था. उसपर आरोप है कि उसने 2010 में 12 हेलीकॉप्टरों का सौदा प्राप्त करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी.

क्या है अगस्ता वेस्टलैंड मामला

बता दें कि फरवरी 2010 में भारत सरकार ने ब्रिटिश-इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ वायुसेना के साथ 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर का सौदा किया था. इनमें से आठ हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी लोगों के लिए होना था.

इस सौदे की कीमत 3600 करोड़ रुपए थी, लेकिन जनवरी 2014 में सौदे की शर्तें पूरी न होने और 360 करोड़ रुपये के कमीशन का भुगतान करने के आरोपों के बाद भारत ने इस सौदे को रद्द कर दिया था. सौदे को रद्द करने का जब आदेश जारी किया गया, तो उस समय तक भारत ने लगभग 1100 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था. साथ तीन अन्य हेलिकॉप्टर के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया जारी थी.

पढ़ें- भारत समेत एशियाई देशों को 70 लाख वैक्सीन देगा अमेरिका

2014 में विवाद सामने आने पर रक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को सौंप दी. पूरे प्रकरण में पूर्व वायुसेना प्रमुख समेत कई अधिकारियों के नाम सामने आए थे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 5, 2021, 11:39 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.