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कश्मीर मुद्दा : दिवाली के दौरान ब्रिटेन में प्रदर्शन की आशंका, PM जॉनसन ने कहा- हिंसा स्वीकार नहीं

ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ब्लैकमैन द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि देश में किसी भी तरह की हिंसा को स्वीकार नहीं किया जाएगा. जानें पूरा विवरण

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Published : Oct 24, 2019, 11:22 AM IST

बोरिस जॉनसन (फाइल फोटो)

लंदन: ब्रिटेन में पाकिस्तान समर्थित प्रदर्शनकारी दिवाली के अवसर पर भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. इस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को कहा कि हिंसा और डराने धमकाने जैसी चीजें स्वीकार्य नहीं हैं.

संसद में प्रधानमंत्री के साप्ताहिक प्रश्नकाल के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने पाकिस्तान समर्थित समूहों द्वारा भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी भारतीय उच्चायोग के बाहर इसी तरह के प्रदर्शन को लेकर सवाल किया. इस दौरान मिशन के बाहर हिंसा भड़क उठी थी.

इस पर जॉनसन ने जवाब दिया, यह पुलिस से जुड़ा मामला है और गृह मंत्री प्रीति पटेल इसे पुलिस के साथ उठाएंगी.

उन्होंने कहा, इस सदन में यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि हिंसा और धौंस किसी भी जगह देश में पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के समर्थन में ब्लैकमैन बोलते रहे हैं.

ब्लैकमैन ने सरकार से पूछा था, इस रविवार को 10,000 लोग भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन के लिए लाए जा रहे हैं. यह दिन हिंदू, सिख और जैन के लिए बेहद पवित्र दिन है. इस दिन रविवार को हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठाने जा रही है?

पढ़ें- ब्रेग्जिट : संसद में विधेयक पारित, लेकिन समय सीमा खारिज, जॉनसन ने विधेयक पर लगाया 'अल्पविराम'

इस प्रदर्शन को तथाकथित फ्री कश्मीर रैली कहा जा रहा है और इसका प्रचार सोशल मीडिया के जरिए काले दिवस के रूप में किया जा रहा है. प्रचार में ऐसा कहा जा रहा है कि 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय सेना ने कथित रूप से तत्कालीन कश्मीर में प्रवेश किया था.

रविवार को इस प्रदर्शन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति सरदार मसूद खान और प्रधानमंत्री राजा मुहम्मद फारूक हैदर खान के भी इस मार्च में आने की संभावना है.

लंदन: ब्रिटेन में पाकिस्तान समर्थित प्रदर्शनकारी दिवाली के अवसर पर भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. इस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को कहा कि हिंसा और डराने धमकाने जैसी चीजें स्वीकार्य नहीं हैं.

संसद में प्रधानमंत्री के साप्ताहिक प्रश्नकाल के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने पाकिस्तान समर्थित समूहों द्वारा भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी भारतीय उच्चायोग के बाहर इसी तरह के प्रदर्शन को लेकर सवाल किया. इस दौरान मिशन के बाहर हिंसा भड़क उठी थी.

इस पर जॉनसन ने जवाब दिया, यह पुलिस से जुड़ा मामला है और गृह मंत्री प्रीति पटेल इसे पुलिस के साथ उठाएंगी.

उन्होंने कहा, इस सदन में यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि हिंसा और धौंस किसी भी जगह देश में पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के समर्थन में ब्लैकमैन बोलते रहे हैं.

ब्लैकमैन ने सरकार से पूछा था, इस रविवार को 10,000 लोग भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन के लिए लाए जा रहे हैं. यह दिन हिंदू, सिख और जैन के लिए बेहद पवित्र दिन है. इस दिन रविवार को हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठाने जा रही है?

पढ़ें- ब्रेग्जिट : संसद में विधेयक पारित, लेकिन समय सीमा खारिज, जॉनसन ने विधेयक पर लगाया 'अल्पविराम'

इस प्रदर्शन को तथाकथित फ्री कश्मीर रैली कहा जा रहा है और इसका प्रचार सोशल मीडिया के जरिए काले दिवस के रूप में किया जा रहा है. प्रचार में ऐसा कहा जा रहा है कि 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय सेना ने कथित रूप से तत्कालीन कश्मीर में प्रवेश किया था.

रविवार को इस प्रदर्शन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति सरदार मसूद खान और प्रधानमंत्री राजा मुहम्मद फारूक हैदर खान के भी इस मार्च में आने की संभावना है.

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  • दिवाली पर कश्मीर को लेकर प्रदर्शन पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हिंसा अस्वीकार्य’’



लंदन, 23 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को कहा कि ‘हिंसा और डराने धमकाने जैसी चीजें अस्वीकार्य’ हैं। यहां पाकिस्तान समर्थित प्रदर्शनकारी दिवाली के अवसर पर भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।



संसद में प्रधानमंत्री के साप्ताहिक प्रश्नकाल के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने ‘पाकिस्तान समर्थित’ समूहों द्वारा भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी भारतीय उच्चायोग के बाहर इसी तरह के प्रदर्शन को लेकर सवाल किया। इस दौरान मिशन के बाहर हिंसा भड़क उठी थी।



इस पर जॉनसन ने जवाब दिया, ‘‘ यह पुलिस से जुड़ा मामला है और गृह मंत्री प्रीति पटेल इसे पुलिस के साथ उठाएंगी।’’



उन्होंने कहा, ‘‘ इस सदन में यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि हिंसा और धौंस किसी भी जगह देश में पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’



जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के समर्थन में ब्लैकमैन बोलते रहे हैं।



ब्लैकमैन ने सरकार से पूछा था, ‘‘ इस रविवार को 10,000 लोग भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन के लिए लाए जा रहे हैं। यह दिन हिंदू, सिख और जैन के लिए बेहद पवित्र दिन है। इस दिन रविवार को हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठाने जा रही है?’’



इस प्रदर्शन को तथाकथित ‘फ्री कश्मीर’ रैली कहा जा रहा है और इसका प्रचार सोशल मीडिया के जरिए ‘काले दिवस’ के रूप में किया जा रहा है। प्रचार में ऐसा कहा जा रहा है कि 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय सेना ने कथित रूप से तत्कालीन कश्मीर में प्रवेश किया था।



रविवार को इस प्रदर्शन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के ‘राष्ट्रपति’ सरदार मसूद खान और ‘प्रधानमंत्री’ राजा मुहम्मद फारूक हैदर खान के भी इस मार्च में आने की संभावना है।


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