ब्रसेल्स : परमाणु क्षमता से जुड़ी ईरान की महत्वाकांक्षाओं को नियंत्रित करने वाले समझौते की निगरानी से जुड़े अधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर इस्लामिक देश यूरेनियन संवर्द्धन को जारी रखता है तो ऐसे में परमाणु समझौते को जारी रखना और अमेरिका को फिर से उसमें वापस लाने के कूटनीतिक प्रयास विफल हो सकते हैं.
यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि फोर्दो भूमिगत परमाणु संयंत्र में यूरेनियम को 20 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्द्धित करने की ईरान की मंशा 'इस दिशा में बेहद गंभीर कदम और चिंता का विषय है' और 'इसका परमाणु हथियारों की वृद्धि पर गंभीर असर होगा.'
ईरान ने पिछले सप्ताह से यूरेनियम का संवर्द्धन शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि 2015 में हुए समझौते के पहले के स्तर के अनुरूप ईरान ने पिछले सप्ताह से यूरेनियम का संवर्द्धन शुरू कर दिया था.
ईरान का कहना है कि अब उसे समझौते में तय प्रावधानों को मानने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका 2018 में इससे बाहर निकल चुका है और ईरान पर तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंध फिर से लगाए गए हैं.
परमाणु समझौते के तहत ईरान को यूरेनियम संवर्द्धन बंद करने के एवज में उसपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों से छूट मिली थी.
पढ़ें - ईरान के शीर्ष नेता ने अमेरिका, ब्रिटेन से कोरोना टीकों के आयात पर रोक लगाई
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि उनकी इच्छा है कि अमेरिका 2015 के परमाणु समझौते में वापस लौट जाए.