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'इस साल सहमत नहीं बनी तो दुनिया को झेलनी पड़ेगी त्रासदी' - Climate summit in November is last chance

नवंबर में ग्लासगो में होने वाले कॉप 26 सम्मेलन के प्रभारी ब्रिटिश मंत्री आलोक शर्मा ने रविवार को चेतावनी दी कि इस साल के आखिर में ब्रिटेन की मेजबानी में होने वाली यह बैठक विश्व बिरादरी के लिए जलवायु परिवर्तन पर पकड़ बनाने का अखिरी मौका है.

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Published : Aug 8, 2021, 7:14 PM IST

लंदन : नवंबर में ग्लासगो में प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र जलवाय परिवर्तन सम्मेलन या कॉप 26 के नामित अध्यक्ष भारतीय मूल के मंत्री शर्मा ने एक साक्षात्कार में कहा कि यदि तत्काल कदम उठाने पर इस साल सहमत नहीं बनती है तो दुनिया को जलवायु त्रासदी झेलनी पड़ेगी.

उन्होंने हाल के अपने व्यस्ततम यात्रा एजेंडे का बचाव भी किया. उनके इस एजेंडे की मीडिया ने आलोचना की है क्योंकि महामारी की दृष्टि से खतरनाक देशों से लौटने के बाद उन्हें बतौर मंत्री स्व-पृथक वास से छूट मिली.

शर्मा ने ऑब्जर्वर से कहा कि आप देख रहे हैं कि रोज रोज दुनिया में क्या हो रहा है. पिछला साल सबसे गर्म वर्ष था और पिछला दशक सबसे गर्म दशक था. मैं समझता हूं कि अभी हमारे हाथ से समय निकला नहीं हैं लेकिन मुझे यह भी पता है कि हम खतरनाक ढंग से उस स्थिति के करीब पहुंचते जा रहे हैं जब शायद वक्त हमारे साथ से निकल जाए.

अपनी यात्रा के संबंध में उन्होंने कहा कि ग्लासगो वार्ता से पहले वैश्विक सहमति के लिए वह हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. हाल के सप्ताहों में बांग्लादेश एवं बोलिवीया जैसे देशों की यात्रा कर चुके शर्मा ने कहा कि हर सप्ताह मेरी कई डिजिटल बैठकें होती हैं लेकिन मैं आपकों बताऊं कि किसी मंत्री के साथ निजी बैठक वाकई अहम एवं प्रभावकारी होती है.

उनका साक्षात्कार ऐसे समय में आय है जब जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीससी) की सोमवार को रिपोर्ट आने वाली है.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : नवंबर में ग्लासगो में प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र जलवाय परिवर्तन सम्मेलन या कॉप 26 के नामित अध्यक्ष भारतीय मूल के मंत्री शर्मा ने एक साक्षात्कार में कहा कि यदि तत्काल कदम उठाने पर इस साल सहमत नहीं बनती है तो दुनिया को जलवायु त्रासदी झेलनी पड़ेगी.

उन्होंने हाल के अपने व्यस्ततम यात्रा एजेंडे का बचाव भी किया. उनके इस एजेंडे की मीडिया ने आलोचना की है क्योंकि महामारी की दृष्टि से खतरनाक देशों से लौटने के बाद उन्हें बतौर मंत्री स्व-पृथक वास से छूट मिली.

शर्मा ने ऑब्जर्वर से कहा कि आप देख रहे हैं कि रोज रोज दुनिया में क्या हो रहा है. पिछला साल सबसे गर्म वर्ष था और पिछला दशक सबसे गर्म दशक था. मैं समझता हूं कि अभी हमारे हाथ से समय निकला नहीं हैं लेकिन मुझे यह भी पता है कि हम खतरनाक ढंग से उस स्थिति के करीब पहुंचते जा रहे हैं जब शायद वक्त हमारे साथ से निकल जाए.

अपनी यात्रा के संबंध में उन्होंने कहा कि ग्लासगो वार्ता से पहले वैश्विक सहमति के लिए वह हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. हाल के सप्ताहों में बांग्लादेश एवं बोलिवीया जैसे देशों की यात्रा कर चुके शर्मा ने कहा कि हर सप्ताह मेरी कई डिजिटल बैठकें होती हैं लेकिन मैं आपकों बताऊं कि किसी मंत्री के साथ निजी बैठक वाकई अहम एवं प्रभावकारी होती है.

उनका साक्षात्कार ऐसे समय में आय है जब जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीससी) की सोमवार को रिपोर्ट आने वाली है.

(पीटीआई-भाषा)

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