लंदन : भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की कुछ डायरी और पत्रों को सार्वजनिक किए जाने के संबंध में यहां एक न्यायाधिकरण इस सप्ताह फैसला करेगा.
न्यायाधीश सोफी बकले 1930 के दशक की डायरी और पत्राचार को सावर्जजनिक करने के संबंध में न्यायाधिकरण (सूचना अधिकार) की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस पर शुक्रवार तक सुनवाई होनी है. ब्रिटिश-भारतीय इतिहास की यह एक महत्वपूर्ण अवधि है, जिसमें भारत के विभाजन की देखरेख माउंटबेटन द्वारा की जा रही थी और इसमें लॉर्ड लुइस तथा लेडी एडविना माउंटबेटन दोनों की व्यक्तिगत डायरी और पत्र भी शामिल हैं.
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ब्रिटेन के कैबिनेट कार्यालय ने कहा है कि उन कागजात की ज्यादातर जानकारी पहले से ही सार्वजनिक है तथा भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में किसी भी गोपनीय पहलू का खुलासा 'अन्य देशों के साथ ब्रिटेन के संबंधों को प्रभावित करेगा.'
इतिहासकार और 'द माउंटबेटंस: द लाइव्स एंड लव्स ऑफ डिकी एंड एडविना माउंटबेटन' के लेखक एंड्रयू लोनी चार साल से सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का मुकदमा लड़ रहे हैं.