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अमेरिकी नागरिकों को निकाले जाने तक अफगानिस्तान में रुकेंगे सैनिक : बाइडेन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US president Joe Biden) ने कहा है कि अफगानिस्तान से जब तक अमेरिकी नागरिक को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लेते हैं, तब तक वहां पर अमेरिकी सैनिक मौजूग रहेंगे.

जो बाइडेन
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Published : Aug 19, 2021, 9:27 AM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US president Joe Biden) ने बुधवार को कहा कि वह अफगानिस्तान में तब तक सैनिकों को रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक प्रत्येक अमेरिकी नागरिक को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लिया जाता, भले ही इसके लिए 31 अगस्त के बाद भी वहां सेना मौजूद रहे.

बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए 31 अगस्त की समयसीमा तय की थी. उन्होंने उन आलोचनाओं का भी जवाब दिया कि अमेरिका को नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने और सैनिकों की वापसी के लिए और काम करना चाहिए था.

'एबीसी न्यूज' को दिए एक साक्षात्कार में बाइडेन ने कहा कि अमेरिका 'समयसीमा खत्म होने से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकियों और अमेरिका के सहयोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हरंसभव कदम उठाएगा.'

ये भी पढ़ें- अफगान संकट : बाइडेन-हैरिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ स्थिति पर चर्चा की

यह पूछे जाने पर कि 31 अगस्त के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बाहर निकालने में प्रशासन कैसे मदद करेगा, इस पर राष्ट्रपति ने कहा, 'अगर कोई अमेरिकी नागरिक वहां रह जाता है तो हम तब तक वहां रुकेंगे जबकि उन्हें बाहर न निकाल लें.' तालिबान के गत सप्ताहांत अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद वहां 15,000 अमेरिकी फंसे हुए हैं.

रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी सेना के पास काबुल हवाईअड्डे को सुरक्षित करने और राजधानी में बाकी जगहों पर जोखिम परिस्थितियों में रह रहे अफगान नागरिकों को बाहर निकालने के अपने मौजूदा अभियान का विस्तार करने के लिए अफगानिस्तान में बल और हथियार नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- अफगानिस्तान के राजनयिक ने गनी पर 16.9 करोड़ डॉलर की 'चोरी' का आरोप लगाया

तालिबान की जांच चौकियों पर देश से बाहर जाने वाले कुछ लोगों को रोके जाने की खबरों के बीच यह पूछे जाने पर कि 31 अगस्त से पहले जो लोग देश छोड़ना चाहते हैं क्या उन्हें बाहर निकाला जाएगा. इस पर ऑस्टिन ने कहा, 'मेरे पास अभी काबुल जाने और अभियानों का विस्तार करने की क्षमता नहीं है.'

उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज करने के लिए दूतावास संबंधी मामलों के और अधिकारियों को भेज रहा है. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य ध्यान हवाईअड्डे पर है जो कई खतरों का सामना कर रहा है और उसकी निगरानी की जानी चाहिए.

रक्षा मंत्री ने बताया कि लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तालिबान से बातचीत चल रही है. उन्होंने बताया कि हवाईअड्डे पर करीब 4,500 अमेरिकी सैनिक हैं जो विदेश मंत्रालय के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान के लिए सुरक्षा दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- काबुल हवाई अड्डे के कार्य के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं : तुर्की

अमेरिकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी काबुल में जांच चौकियों और कर्फ्यू को लेकर तालिबानी कमांडरों से बात कर रहे हैं जिसके कारण कई अमेरिकी और अफगान नागरिक हवाईअड्डे में प्रवेश नहीं कर पाए.

पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि 24 घंटों में 325 अमेरिकी नागरिकों समेत करीब 2,000 लोग अमेरिकी वायु सेना के सी-17 विमानों की 18 उड़ानों से विदेश रवाना हो गए. किर्बी ने बताया कि अमेरिका के कई सैकड़ों और सैनिकों के बृहस्पतिवार तक हवाईअड्डे पर पहुंचने की संभावना है.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि वह काबुल में लोगों को बाहर निकालने के अभियान के लिए अफगानिस्तान में अमेरिका पूर्व राजदूत जॉन बास को भेज रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US president Joe Biden) ने बुधवार को कहा कि वह अफगानिस्तान में तब तक सैनिकों को रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक प्रत्येक अमेरिकी नागरिक को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लिया जाता, भले ही इसके लिए 31 अगस्त के बाद भी वहां सेना मौजूद रहे.

बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए 31 अगस्त की समयसीमा तय की थी. उन्होंने उन आलोचनाओं का भी जवाब दिया कि अमेरिका को नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने और सैनिकों की वापसी के लिए और काम करना चाहिए था.

'एबीसी न्यूज' को दिए एक साक्षात्कार में बाइडेन ने कहा कि अमेरिका 'समयसीमा खत्म होने से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकियों और अमेरिका के सहयोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हरंसभव कदम उठाएगा.'

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यह पूछे जाने पर कि 31 अगस्त के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बाहर निकालने में प्रशासन कैसे मदद करेगा, इस पर राष्ट्रपति ने कहा, 'अगर कोई अमेरिकी नागरिक वहां रह जाता है तो हम तब तक वहां रुकेंगे जबकि उन्हें बाहर न निकाल लें.' तालिबान के गत सप्ताहांत अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद वहां 15,000 अमेरिकी फंसे हुए हैं.

रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी सेना के पास काबुल हवाईअड्डे को सुरक्षित करने और राजधानी में बाकी जगहों पर जोखिम परिस्थितियों में रह रहे अफगान नागरिकों को बाहर निकालने के अपने मौजूदा अभियान का विस्तार करने के लिए अफगानिस्तान में बल और हथियार नहीं हैं.

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तालिबान की जांच चौकियों पर देश से बाहर जाने वाले कुछ लोगों को रोके जाने की खबरों के बीच यह पूछे जाने पर कि 31 अगस्त से पहले जो लोग देश छोड़ना चाहते हैं क्या उन्हें बाहर निकाला जाएगा. इस पर ऑस्टिन ने कहा, 'मेरे पास अभी काबुल जाने और अभियानों का विस्तार करने की क्षमता नहीं है.'

उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज करने के लिए दूतावास संबंधी मामलों के और अधिकारियों को भेज रहा है. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य ध्यान हवाईअड्डे पर है जो कई खतरों का सामना कर रहा है और उसकी निगरानी की जानी चाहिए.

रक्षा मंत्री ने बताया कि लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तालिबान से बातचीत चल रही है. उन्होंने बताया कि हवाईअड्डे पर करीब 4,500 अमेरिकी सैनिक हैं जो विदेश मंत्रालय के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान के लिए सुरक्षा दे रहे हैं.

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अमेरिकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी काबुल में जांच चौकियों और कर्फ्यू को लेकर तालिबानी कमांडरों से बात कर रहे हैं जिसके कारण कई अमेरिकी और अफगान नागरिक हवाईअड्डे में प्रवेश नहीं कर पाए.

पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि 24 घंटों में 325 अमेरिकी नागरिकों समेत करीब 2,000 लोग अमेरिकी वायु सेना के सी-17 विमानों की 18 उड़ानों से विदेश रवाना हो गए. किर्बी ने बताया कि अमेरिका के कई सैकड़ों और सैनिकों के बृहस्पतिवार तक हवाईअड्डे पर पहुंचने की संभावना है.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि वह काबुल में लोगों को बाहर निकालने के अभियान के लिए अफगानिस्तान में अमेरिका पूर्व राजदूत जॉन बास को भेज रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

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