बर्लिन : कोविड-रोधी टीके की तीन खुराक ले चुके लोगों में उच्च-गुणवत्ता वाली एंटीबॉडी विकसित होती है जोकि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा प्रदान कर सकती है. एक अध्ययन में यह बात कही गई है.
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, तीन बार वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों और संक्रमणमुक्त होने के बाद टीके की दो खुराक लेने वालों पर भी यह बात लागू होती है.
'नेचर मेडिसिन' में हाल में प्रकाशित इस अध्ययन के दौरान टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों और संक्रमण की चपेट में आने के बाद स्वस्थ हुए मरीजों में विकसित एंटीबॉडी की निगरानी की गई.
शोधकर्ताओं ने दो टीका लेने वाले ठीक हो चुके व्यक्तियों के एंटीबॉडी का पता लगाया. जिन लोगों पर शोध किया गया उनमें 98 कोरोना संक्रमण से उबर चुके थे, जबकि 73 कभी संक्रमित नहीं हुए थे. दोनों समूहों को एमआरएनए-आधारित फाइजर वैक्सीन दी गई.
जर्मनी में म्यूनिख के तकनीकी विश्वविद्यालय (टीयूएम) के शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरल स्पाइक प्रोटीन के कुल तीन एक्सपोजर से वायरस को निष्क्रिय करने वाले एंटीबॉडी बनते हैं. ये उच्च गुणवत्ता वाले एंटीबॉडी वायरल स्पाइक प्रोटीन को अधिक मजबूती से बांधते हैं, और ओमीक्रोन वेरिएंट से प्रभावी ढंग से लड़ने में भी सक्षम हैं.
स्पाइक प्रोटीन का उपयोग SARS-CoV-2 वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करने और उन्हें संक्रमित करने के लिए करता है. टीम ने ट्रिपल-टीकाकरण वाले लोगों में समान प्रभाव पाया, जो COVID-19 से उबर चुके थे. टीयूएम के प्रोफेसर पर्सी नोले (Percy Knolle) ने कहा, 'टीकाकरण के माध्यम से वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र विकसित किया जा सकता है.'
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प्रोफेसर पर्सी नोले ने कहा कि ओमीक्रोन का इस वेरिएंट से टीके की एक अतिरिक्त खुराक प्रतिरक्षा दे सकती है.' मैक्स वॉन पेटेंकोफ़र इंस्टीट्यूट और जीन सेंटर म्यूनिख के ओलिवर टी केप्लर ने कहा, 'ओमीक्रोन संक्रमण को रोकने के लिए काफी अधिक और बेहतर एंटीबॉडी की आवश्यकता होती है.
(PTI)