ऑकलैंड: न्यूजीलैंड की संसद में और शुक्रवार को ऑकलैंड की सड़कों पर हजारों लोगों की भीड़ ने जलवायु परिवर्तन पर तेजी से कार्रवाई की मांग करते हुए दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन की दूसरी लहर शुरू कर दी है.
विरोध प्रदर्शन स्वीडेन की ग्रेटा थनबर्ग से प्रेरित थे, आपको बता दें ग्रेटा ने इस सप्ताह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व नेताओं से बात की थी.
न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन में संसद तक एक मार्च निकाला गया, यह वहां आयोजित सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से एक था. इतनी भारी भीड़ को संभालने के लिए आयोजकों को अपनी सुरक्षा योजनाओं में बदलाव करना पड़ा.
पिछले शुक्रवार को तथाकथित वैश्विक जलवायु हड़ताल में कई लाख लोगों ने भाग लिया था, इस प्रदर्शन का समय संयुक्त राष्ट्र की बैठक के समय रखा गया था.
न्यूजीलैंड और कई अन्य देशों ने दूसरी लहर पर अपने विरोध प्रयासों को केंद्रित किया, एक सप्ताह की इस हड़ताल में जलवायु परिवर्तन को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा होगी.
थनबर्ग ने ट्वीट कर मॉन्ट्रियल में शुक्रवार को एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की बात कही.
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वेलिंगटन में, स्कूल स्ट्राइक फार क्लाइमेट के रैवेन मेडर, जो की इस रैली के आयोजक भी हैं, उन्होंने इकट्ठा भीड़ से कहा कि हालांकि यह मानना आसान था कि 'जो ताकतें हमारे ग्रह और हमारे लोग दोनों को नष्ट कर रहे हैं, वे जीतने वाले हैं.' लेकिन इस प्रर्दशन के बाद आशा की एक किरण जगी है.