वियना : ईरान और विश्व शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने के उद्देश्य से बातचीत कुछ दिनों तक अटके रहने के बाद बृहस्पतिवार को वियना में फिर से शुरू हो रही है. तेहरान द्वारा पिछले हफ्ते की गई मांगें की थीं जिसकी यूरोपीय देशों ने कड़ी आलोचना की थी.
समझौते के सभी शेष हस्ताक्षरकर्ताओं - ईरान, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन - की एक बैठक यूरोपीय संघ के राजनयिक एनरिक मोरा की अध्यक्षता में दोपहर में शुरू होनी है.
अमेरिका ने इस वार्ता में परोक्ष रूप से भाग लिया है क्योंकि यह 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान समझौते से हट गया था. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संकेत दिया है कि वह समझौते में फिर से शामिल होना चाहते हैं. वाशिंगटन ने ईरान के लिए विशेष अमेरिकी दूत रॉबर्ट माली के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को सप्ताहांत में वियना भेजने की योजना बनायी है.
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यूरोपीय राजनयिकों ने तेहरान से 'यथार्थवादी प्रस्तावों' के साथ आने का आग्रह किया, जब ईरानी प्रतिनिधिमंडल ने पिछले हफ्ते ऐसे कई मांगें कीं जिन्हें समझौते के अन्य पक्षों ने अस्वीकार्य समझा. पिछले हफ्ते हुई बातचीत करीब पांच महीनों में पहली थी. अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता नेड प्राइस ने इस सप्ताह कहा था कि अमेरिका को उम्मीद है कि अगले दौर की वार्ता 'अलग तरह से आगे बढ़ेगी.'
(पीटीआई-भाषा)