लंदन : स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) ने शनिवार को संसदीय चुनावों में लगातार चौथी बार जीत हासिल की और उसने ब्रिटेन से स्कॉटलैंड की आजादी पर एक अन्य जनमत संग्रह कराने की मांग को आगे बढ़ाने पर जोर दिया. हालांकि उसके पास बहुमत से एक सीट कम है.
स्कॉटलैंड में संसदीय चुनाव गुरुवार को हुए थे और इसके अंतिम नतीजे दिखाते हैं कि एसएनपी को एडिनबर्ग स्थित संसद में 129 सीटों में से 64 सीटें मिली हैं. ये नतीजे 2007 में सत्ता में आने के बाद से स्कॉटिश राजनीति में पार्टी का वर्चस्व दिखाते हैं.
वहीं, वेल्श संसदीय चुनाव में लेबर पार्टी को जीत मिली है. जानकारी के मुताबिक लेबर पार्टी के सादिक खान को फिर से लंदन का मेयर निर्वाचित किया जा सकता है.
स्कॉटलैंड में हुए संसदीय चुनाव के परिणाम के बाद ब्रिटेन से उसके अलग होने का रास्ता साफ हो सकता है. बता दें, स्कॉटलैंड सरकार को कई शक्तियां हासिल हैं लेकिन अर्थव्यवस्था और सुरक्षा से संबंधित मामले अब भी ब्रिटिश सरकार के अधीन आते हैं.
एसएनपी ने ज्यादातर निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की है, हालांकि वह बहुमत के 65 सीटों के आंकड़ें से एक सीट की दूरी पर रह गई. लेकिन इसके बावजूद एसएनपी पांच साल के संसदीय कार्यकाल के लिए स्कॉटिश ग्रीन्स के आठ सदस्यों के सहयोग से सत्ता में आसानी से आ जाएगी. स्कॉटिश ग्रीन्स भी स्कॉटलैंड के अलग होने का समर्थन करती है.
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स्कॉटलैंड को आजादी हासिल करने के लिए एक अन्य जनमत संग्रह की अनुमति दी जाए या नहीं इस पर तो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ही निर्णय लेंगे. लेकिन जॉनसन की एक अन्य जनमत संग्रह की मंजूरी देने की मंशा नहीं दिखाई देती, जिससे उनकी सरकार और स्कॉटलैंड की सरकार के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है.
इसपर प्रधानमंत्री ने शनिवार को डेली टेलीग्राफ अखबार में ये भी लिखा है कि ब्रिटेन के कोरोना वायरस महामारी से उबरने के बीच मौजूदा हालात में एक अन्य जनमत संग्रह कराना गैरजिम्मेदाराना और लापरवाही वाला कदम होगा.