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भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाना कारगर साबित हो रहा : स्कॉट मॉरिसन

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Published : May 5, 2021, 7:10 PM IST

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाना कारगर साबित हुआ है. कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आने लगी है.

स्कॉट मॉरिसन
स्कॉट मॉरिसन

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाने के अपने निर्णय का एक बार फिर बचाव किया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि इस निर्णय से कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आने लगी है और यह कारगर साबित हो रहा है.

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इतिहास में पहली बार, अपने उन नागरिकों के देश लौटने पर हाल में रोक लगा दी है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया वापस आने से पहले भारत में 14 दिन बिताए हैं.

सरकार ने धमकी दी है कि इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा चलाया जाएगा और पांच साल तक की जेल की सज़ा या 66,000 ऑट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा. देश में कई सांसदों, डॉक्टरों और व्यापारियों ने नागरिकों का इस इस तरह का 'परित्याग' करने के सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की है.

वहीं मॉरिसन ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि इस तरह के प्रतिबंध लगाना काम कर रहा है. इसका मतलब है कि सरकार अब प्रत्यावर्तन उड़ानों के माध्यम से ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों और उनके परिवारों को वापस ला सकेगी.

उन्होंने कहा, 'उड़ानों पर रोक लगाने के निर्णय का असर दिखने लगा है. हमारे होवर्ड स्प्रींग्स केंद्र में कोरोना संक्रमण की दर कम होने लगी है. हमारे लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी था कि इस तरह हम अधिक ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों और निवासियों को घर पहुंचाने में अधिक मदद कर सकते हैं. विशेष कर इस तरह लाने से जिससे देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा पैदा न हो. प्रत्यावर्तन उड़ानों को लगातार बहाल करने की दिशा में अच्छी प्रगति की जा रही है.'

उन्होंने कहा कि वह भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाने के निर्णय पर चिंतित नहीं थे क्योंकि उन्हें पता था कि इससे भारत सरकार के साथ संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

मोर्रिसन ने कहा, 'कोरोना संक्रमण के भयानक संकट से निपटने के लिए भारत की सहायता की जा रही है. सिडनी से भारत के लिए मानवीय सहायता के तौर पर ऑक्सीजन कंटेनर, मास्क और सांस लेने में मदद करने वाले उपकरण भेजे गए हैं.'

ऑस्ट्रेलिया भारत व्यापार परिषद के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई सरकार के इस निर्णय से भारत से वापस आने वाले करीब नौ हजार यात्री फंस गए हैं. सरकार के इस निणय से व्यापार संबंधों को नुकसान भी पहुंचा सकता है.

पढ़ें- ऑस्ट्रेलिया के चिकित्सा समुदाय ने मॉरिसन से नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध वाला आदेश वापस लेने का किया आग्रह

परिषद ने एक बयान में कहा कि वह सरकार के भारत को राहत सामग्री प्रदान करने के कदम की सराहना करती है. लेकिन मुख्य चिंता का विषय लोगों पर मुकदमा चलाया जाने या 66,000 ऑट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाना है.

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाने के अपने निर्णय का एक बार फिर बचाव किया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि इस निर्णय से कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आने लगी है और यह कारगर साबित हो रहा है.

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इतिहास में पहली बार, अपने उन नागरिकों के देश लौटने पर हाल में रोक लगा दी है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया वापस आने से पहले भारत में 14 दिन बिताए हैं.

सरकार ने धमकी दी है कि इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा चलाया जाएगा और पांच साल तक की जेल की सज़ा या 66,000 ऑट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा. देश में कई सांसदों, डॉक्टरों और व्यापारियों ने नागरिकों का इस इस तरह का 'परित्याग' करने के सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की है.

वहीं मॉरिसन ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि इस तरह के प्रतिबंध लगाना काम कर रहा है. इसका मतलब है कि सरकार अब प्रत्यावर्तन उड़ानों के माध्यम से ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों और उनके परिवारों को वापस ला सकेगी.

उन्होंने कहा, 'उड़ानों पर रोक लगाने के निर्णय का असर दिखने लगा है. हमारे होवर्ड स्प्रींग्स केंद्र में कोरोना संक्रमण की दर कम होने लगी है. हमारे लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी था कि इस तरह हम अधिक ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों और निवासियों को घर पहुंचाने में अधिक मदद कर सकते हैं. विशेष कर इस तरह लाने से जिससे देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा पैदा न हो. प्रत्यावर्तन उड़ानों को लगातार बहाल करने की दिशा में अच्छी प्रगति की जा रही है.'

उन्होंने कहा कि वह भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाने के निर्णय पर चिंतित नहीं थे क्योंकि उन्हें पता था कि इससे भारत सरकार के साथ संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

मोर्रिसन ने कहा, 'कोरोना संक्रमण के भयानक संकट से निपटने के लिए भारत की सहायता की जा रही है. सिडनी से भारत के लिए मानवीय सहायता के तौर पर ऑक्सीजन कंटेनर, मास्क और सांस लेने में मदद करने वाले उपकरण भेजे गए हैं.'

ऑस्ट्रेलिया भारत व्यापार परिषद के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई सरकार के इस निर्णय से भारत से वापस आने वाले करीब नौ हजार यात्री फंस गए हैं. सरकार के इस निणय से व्यापार संबंधों को नुकसान भी पहुंचा सकता है.

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परिषद ने एक बयान में कहा कि वह सरकार के भारत को राहत सामग्री प्रदान करने के कदम की सराहना करती है. लेकिन मुख्य चिंता का विषय लोगों पर मुकदमा चलाया जाने या 66,000 ऑट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाना है.

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