नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे हालात हैं. इस बीच रूसी सेना ने ऐसी खबर दी है, जिसके बाद युद्ध भड़कने की आशंका पहले के मुकाबले और अधिक बढ़ गई है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक रूसी सेना ने यूक्रेन के पांच घुसपैठियों को मार गिराए जाने का दावा किया है. लेकिन यूक्रेन ने इन खबरों का खंडन किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने इस खबर को सही नहीं बताया है.
एक दिन पहले ही अमेरिकी नेताओं ने दावा किया था कि रूस ने हमले की अंतिम तैयारी के आदेश दे दिए हैं. ये अलग बात है कि रूस इससे इनकार करता रहा है. रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था. उसने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती की है. साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है. कीव की आबादी करीब 30 लाख है.
अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का यह दावा कि उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूसी सेना को भेजने का फैसला किया है, उस खुफिया जानकारी पर आधारित है कि रूस के अग्रिम मोर्चे के कमांडरों को हमले की अंतिम तैयारी शुरू करने के आदेश दिए गए हैं. रूस ने शनिवार को पड़ोसी देश बेलारूस में परमाणु हथियारों के साथ ही पारंपरिक युद्धाभ्यास भी किया था. काला सागर तट के पास भी उसके नौसैनिकों ने अभ्यास किया था.
रूस के बेलारूस से अपने सैनिकों को हटाने के वादे की अवहेलना करने संबंधी घोषणा, पूर्वी यूक्रेन में सैनिकों और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच लगातार दो दिन से जारी गोलाबारी के बाद हुई है. यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसको लेकर यूक्रेन और पश्चिमी देश चिंतित हैं और जहां संघर्ष बढ़ने की भी आशंका है.
अमेरिका और कई यूरोपीय देश कई सप्ताह से आरोप लगा रहे हैं कि रूस आक्रमण करने के लिए बहाने ढूंढ़ रहा है. उन्होंने रूस के ऐसा करने पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है. बाइडन ने यूक्रेन के आसपास रूस के सैनिकों की तैनाती पर व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई. अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी रविवार को यूरोप में युद्ध की वास्तविक आशंका को स्वीकार किया था. वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने संघर्ष विराम की अपील की थी.
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