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नए अमेरिकी प्रतिबंध द्विपक्षीय संबंधों के लिए विनाशकारी : रूस - मिल्रिटी एंड यूजर

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से कहा, 'मिल्रिटी एंड यूजर्स' के नाम पर उठाए गए अमेरिकी वाणिज्य विभाग के नए कदमों का उद्देश्य उनके निर्यात शासन का आधुनिकीकरण करना है.

नए अमेरिकी प्रतिबंध द्विपक्षीय संबंधों के लिए विनाशकारी : रूस
नए अमेरिकी प्रतिबंध द्विपक्षीय संबंधों के लिए विनाशकारी : रूस
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Published : Dec 25, 2020, 2:19 PM IST

मॉस्को : रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूसी कंपनियों पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा प्रतिबंध लगाना द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक विनाशकारी कदम है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुरुवार को मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से कहा, 'मिल्रिटी एंड यूजर्स' के नाम पर उठाए गए अमेरिकी वाणिज्य विभाग के नए कदमों का उद्देश्य उनके निर्यात शासन का आधुनिकीकरण करना है. इसके तहत 40 से अधिक रूसी कानूनी संस्थाओं को सूची में शामिल करना, खराब और अपमानजनक है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह रूस पर काबू पाने के उद्देश्य से उठाया गया अमेरिका का एक और अनुचित कदम था.

उन्होंने आगे कहा, 'हम अमेरिका से एक बार फिर से कहते हैं कि वे कारणों को सुनें. साथ ही इस विनाशकारी कार्रवाई से दोनों देशों के सामान्य राजनीतिक वातावरण, व्यापार और आर्थिक तौर पर होने वाले नुकसान का आकलन करें.'

मंत्रालय का मानना है कि इस कदम के जरिए अमेरिका वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा को कम करना चाहता है और केवल अपने व्यवसायों को आगे रखना चाहता है.

बता दें कि सोमवार को अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने 103 संस्थाओं की प्रतिबंध सूची तैयार की है, जिसमें 45 रूसी कंपनियां थीं. इन्हें 'मिल्रिटी एंड यूजर' बताते हुए कहा गया है कि इनके सैन्य संबंध हैं.

मॉस्को : रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूसी कंपनियों पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा प्रतिबंध लगाना द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक विनाशकारी कदम है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुरुवार को मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से कहा, 'मिल्रिटी एंड यूजर्स' के नाम पर उठाए गए अमेरिकी वाणिज्य विभाग के नए कदमों का उद्देश्य उनके निर्यात शासन का आधुनिकीकरण करना है. इसके तहत 40 से अधिक रूसी कानूनी संस्थाओं को सूची में शामिल करना, खराब और अपमानजनक है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह रूस पर काबू पाने के उद्देश्य से उठाया गया अमेरिका का एक और अनुचित कदम था.

उन्होंने आगे कहा, 'हम अमेरिका से एक बार फिर से कहते हैं कि वे कारणों को सुनें. साथ ही इस विनाशकारी कार्रवाई से दोनों देशों के सामान्य राजनीतिक वातावरण, व्यापार और आर्थिक तौर पर होने वाले नुकसान का आकलन करें.'

मंत्रालय का मानना है कि इस कदम के जरिए अमेरिका वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा को कम करना चाहता है और केवल अपने व्यवसायों को आगे रखना चाहता है.

बता दें कि सोमवार को अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने 103 संस्थाओं की प्रतिबंध सूची तैयार की है, जिसमें 45 रूसी कंपनियां थीं. इन्हें 'मिल्रिटी एंड यूजर' बताते हुए कहा गया है कि इनके सैन्य संबंध हैं.

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