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रूस ने शुरू किया कोरोना वैक्सीन का उत्पादन

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Published : Aug 15, 2020, 5:56 PM IST

रूस ने मंगलवार को हजारों नागरिकों के उपयोग के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी. जिसके बाद अब वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया गया है.

वैक्सीन का उत्पादन
वैक्सीन का उत्पादन

मॉस्को : रूसी मीडिया रिपोर्टस ने देश के स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा है कि रूस ने अपने नए पंजीकृत कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है.

इससे पहले मंगलवार को रूस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संदेह जताने के बावजूद अपने हजारों नागरिकों के उपयोग के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दी थी.

रूस ने कहा कि टीका आवश्यक परीक्षणों से गुजरा और कोरोना वायरस को स्थायी प्रतिरक्षा प्रदान करते पाया गया. हालांकि रूसी अधिकारियों ने इसकी सुरक्षा या प्रभावशीलता के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है.

वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों में भाग लेने वालों के अंतिम परिक्षण के परिणाम से पता चला कि सभी वॉलिंटियर्स में टीकाकरण के परिणामस्वरूप स्पष्ट प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया थी.

पढ़ें - ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी को कोरोना वैक्‍सीन के ह्यूमन ट्रायल में मिली सफलता

हालांकि, रूस और अन्य देशों के वैज्ञानिकों ने एक इसे खतरा बताते हुए कहा कि परीक्षण के तीसरे चरण को पूरा किए बिना वैक्सीन बनाने का दावा करना खतरनाक हो सकता है. इसमें महीनों का समय लगता है और लगभग दस हजार लोग इसमें शामिल होते हैं.

मॉस्को : रूसी मीडिया रिपोर्टस ने देश के स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा है कि रूस ने अपने नए पंजीकृत कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है.

इससे पहले मंगलवार को रूस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संदेह जताने के बावजूद अपने हजारों नागरिकों के उपयोग के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दी थी.

रूस ने कहा कि टीका आवश्यक परीक्षणों से गुजरा और कोरोना वायरस को स्थायी प्रतिरक्षा प्रदान करते पाया गया. हालांकि रूसी अधिकारियों ने इसकी सुरक्षा या प्रभावशीलता के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है.

वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों में भाग लेने वालों के अंतिम परिक्षण के परिणाम से पता चला कि सभी वॉलिंटियर्स में टीकाकरण के परिणामस्वरूप स्पष्ट प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया थी.

पढ़ें - ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी को कोरोना वैक्‍सीन के ह्यूमन ट्रायल में मिली सफलता

हालांकि, रूस और अन्य देशों के वैज्ञानिकों ने एक इसे खतरा बताते हुए कहा कि परीक्षण के तीसरे चरण को पूरा किए बिना वैक्सीन बनाने का दावा करना खतरनाक हो सकता है. इसमें महीनों का समय लगता है और लगभग दस हजार लोग इसमें शामिल होते हैं.

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