रोम: पोप फ्रांसिस ने गुड फ्राइडे के मौके पर दुनिया भर में व्याप्त दुख-तकलीफों की निंदा की. इनमें उन प्रवासियों की तकलीफें भी शामिल हैं, जिनके लिए अन्य देशों के दरवाजे राजनीति के चलते बंद हैं और उन मासूम और बेगुनाह बच्चों की तकलीफें भी शामिल हैं, जो धर्मगुरुओं के हाथों यौन शोषण का शिकार हुए हैं.
पैलाटाइन हिल पर एक कैनोफाइड प्लेटफार्म से फ्रांसिस ने रोम के कोलोसियम में पारंपरिक मशाल जलाया गया. साथ ही रात में जुलूस भी निकाला गया, जो पूरी तरह से यीशु के क्रूस को याद करता है.
फ्रांसिस ने अप्रवासीयों को लेकर यीशु से प्रार्थना कि की 'हमें आपके क्रूस को दुनिया के सभी हिस्सों में देखने के लिए मदद करें.'
'पोप ने कहा व्यक्तियों को भोजन के लिए और प्यार के लिए भूखा रखा और उन लोगों को भी छोड़ दिया, जिन्हें उनके अपने बच्चों या माता-पिता ने भी छोड़ दिया था.
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हजारों तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और रोमनों के साथ, उन्होंने एक ऐसे इतालवी नन द्वारा रचित प्रतिबिंबों को सुना, जो वेश्यावृत्ति में तस्करी करने वाली प्रवासी महिलाओं को आराम और आशा प्रदान करते हैं.
फ्रांसिस ने यीशु से प्रार्थना की कि 'हम आपके क्रूस को दुनिया के सभी हिस्सों में देखने के लिए मदद करें'. पोप ने कहा कि प्रवासी राजनीतिक गणनाओं के डर से दिलों के दरवाजे बंद हो रहे हैं.