बर्लिन : जर्मनी के शीर्ष अधिकारी देश में आई भीषण बाढ़ से निपटने के लिए की गई तैयारियों का बचाव कर रहे हैं और उनका कहना है कि इस आपदा से भविष्य के लिए सबक सीखने की जरुरत है. पश्चिमी जर्मनी, पूर्वी बेल्जियम और नीदरलैंड में सोमवार को बाढ़ का पानी उतरने के बाद बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान चलाया गया. पिछले सप्ताह के दौरान जर्मनी के अलावा पश्चिमी यूरोप के अन्य हिस्सों में मूसलाधार बारिश का अनुमान लगाया गया था. लेकिन इस चेतावनी को अधिकारियों और आम लोगों ने नजरअंदाज किया. भारी बारिश के कारण छोटी नदियों का जल स्तर बढ़ गया और देश को भीषण बाढ़ का कहर झेलना पड़ा है.
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जर्मनी की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख अर्मिन शूस्टर ने कहा कि यह एक-दूसरे पर आरोप लगाने का समय नहीं है. बल्कि भविष्य में इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियों में सुधार करने का समय है.
अर्मिन ने कहा कि बाढ़ की स्थिति ऐसी थी कि 30 मिनट पहले भी यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि कौन सा इलाका इससे कितना प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने विभिन्न ऐप और मीडिया के माध्यम से 150 चेतावनी जारी की थीं. लेकिन किस क्षेत्र में सायरन बजा अथवा नहीं इसकी जांच करनी होगी.
बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित राइनलैंड-पैलेटिनेट प्रांत के अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार थे. नगर पालिकाओं को सतर्क कर दिया गया था. अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली की समस्या भी एक चुनौती बनकर सामने आई है. कई इलाकों की बिजली एक साथ चली हो गई थी.
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(पीटीआई-भाषा)