बर्लिन : विश्व शक्तियों द्वारा मंगलवार को वियना में उच्च स्तरीय वार्ता फिर से शुरू की गई, जिसका मुख्य जोर अमेरिका को ईरान के साथ परमाणु समझौते में वापस लाने पर है. हालांकि ईरान के विदेश मंत्री ने आरोप लगाया है कि रूस समझौते को रोकने का प्रयास कर रहा था.
रूसी विदेश मंत्रालय ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ की टिप्पणियों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है. यह टिप्पणी जवाद ने ईरानी प्रेजीडेंसी से जुड़े एक थिंकटैंक के साथ सात घंटे के साक्षात्कार में की थी.
वियना वार्ता में रूस के शीर्ष प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने भी बैठक से पहले आरोपों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने ट्वीट करके केवल यह कहा कि 'प्रतिभागी परमाणु समझौते की बहाली पर बातचीत जारी रखेंगे.' उल्यानोव इसको लेकर सबसे अधिक आशावादी थे कि तेहरान और वाशिंगटन अमेरिका के 2015 के समझौते में शामिल होने की शर्तों पर सहमत हो जाएंगे.
यूरोपीय संघ की अध्यक्षता में होने वाली वार्ता के लिए उल्यानोव चीन, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के प्रतिनिधियों के साथ शामिल हैं.
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यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता से पहले कहा, 'प्रतिभागी समझौते में अमेरिका की संभावित वापसी और समझौते के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के तरीके पर चर्चा जारी रखेंगे.'
अमेरिकी वार्ता की मेज पर नहीं है क्योंकि अमेरिका तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय एकतरफा तौर पर 2018 में तहत समझौते से बाहर हो गया था.
यह समझौता ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम पर पाबंदियों के बदले आर्थिक प्रोत्साहन का वादा करता है.