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अंतरिक्ष में होने वाले हमलों के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे नाटो राष्ट्र

नाटो राष्ट्र (NATO nations)अंतरिक्ष में होने वाले हमलों के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान करेंगे. यह जानकारी सैन्य संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी.

नाटो राष्ट्र
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Published : Jun 15, 2021, 12:45 PM IST

ब्रुसेल्स : नाटो के सदस्य राष्ट्रों (NATO nations) ने सोमवार को अपने सामूहिक रक्षा प्रावधान 'सबके लिए एक, एक के लिए सब' को और व्यापक करते हुए इसमें अंतरिक्ष में होने वाले हमलों के खिलाफ भी मिलकर लड़ने का आह्वान किया. इस सैन्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के समझौते के अनुच्छेद पांच के मुताबिक, गठबंधन के 30 में से किसी भी सहयोगी पर हमले को सभी पर हमला माना जाएगा. अब तक यह केवल परंपरागत सैन्य हमलों जैसे जल, थल व वायु से संबंधित था, लेकिन हाल ही में इसमें साइबर हमलों (cyber attacks) को भी जोड़ा गया था.

नाटो के नेताओं ने एक वक्तव्य में कहा कि वे मानते हैं कि 'अंतरिक्ष में, अंतरिक्ष से और अंतरिक्ष पर हमला' नाटो के लिए चुनौती हो सकता है, जो राष्ट्रीय, यूरो एटलांटिक समृद्धि, सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा हो और यह आधुनिक समाजों के लिए परंपरागत हमले की तरह ही नुकसानदायक हो सकता है. उन्होंने कहा, ऐसा हमला होने पर अनुच्छेद पांच प्रभावी हो जाएगा. हालांकि, ऐसे हमले होने पर अनुच्छेद पांच के प्रभावी होने के बारे में फैसला मामले दर मामले के आधार पर नाटो द्वारा लिया जाएगा.

पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले करीब 2000 में से आधे उपग्रहों का संचालन नाटो देशों के पास है, जो मोबाइल फोन, बैंकिंग सेवाओं से लेकर मौसम पूर्वानुमान आदि से जुड़े हैं. इनमें से कई उपग्रह ऐसे हैं, जिनका इस्तेमाल सैन्य कमांडर नौवहन, संचार, खुफिया जानकारियां साझा करने तथा मिसाइल लॉन्च का पता लगाने के लिए करते हैं.

पढ़ें- बाइडेन ने पुतिन को बताया 'काबिल विरोधी'

दिसंबर 2019 में नाटो के नेताओं ने भूमि, समुद्र, वायु और साइबरस्पेस के बाद अंतरिक्ष को अपने अभियानों के लिहाज से 'पांचवा क्षेत्र' घोषित किया था. कई सदस्य देश अंतरिक्ष में चीन और रूस के आक्रामक होते बर्ताव को लेकर चिंतित हैं. करीब 80 देशों के उपग्रह हैं तथा कई निजी कंपनियां भी इस क्षेत्र में उतर रही हैं. 1980 के दशक में नाटो के संचार का एक छोटा सा हिस्सा ही उपग्रहों के जरिए होता था आज यह कम से कम 40 फीसद है.

नाटो के सामूहिक रक्षा प्रावधान को अब तक केवल एक बार, अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए हमले के चलते प्रभावी किया गया था. तब सभी सदस्य देश अमेरिका के समर्थन में एकजुट हो गए थे.

बाइडेन ने सोमवार को कहा था कि अनुच्छेद पांच नाटो सहयोगियों के बीच 'एक पवित्र दायित्व' है. उन्होंने कहा था, मैं पूरे यूरोप को यह बताना चाहता हूं कि अमेरिका आपके लिए खड़ा है, अमेरिका आपके लिए है.

(एपी)

ब्रुसेल्स : नाटो के सदस्य राष्ट्रों (NATO nations) ने सोमवार को अपने सामूहिक रक्षा प्रावधान 'सबके लिए एक, एक के लिए सब' को और व्यापक करते हुए इसमें अंतरिक्ष में होने वाले हमलों के खिलाफ भी मिलकर लड़ने का आह्वान किया. इस सैन्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के समझौते के अनुच्छेद पांच के मुताबिक, गठबंधन के 30 में से किसी भी सहयोगी पर हमले को सभी पर हमला माना जाएगा. अब तक यह केवल परंपरागत सैन्य हमलों जैसे जल, थल व वायु से संबंधित था, लेकिन हाल ही में इसमें साइबर हमलों (cyber attacks) को भी जोड़ा गया था.

नाटो के नेताओं ने एक वक्तव्य में कहा कि वे मानते हैं कि 'अंतरिक्ष में, अंतरिक्ष से और अंतरिक्ष पर हमला' नाटो के लिए चुनौती हो सकता है, जो राष्ट्रीय, यूरो एटलांटिक समृद्धि, सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा हो और यह आधुनिक समाजों के लिए परंपरागत हमले की तरह ही नुकसानदायक हो सकता है. उन्होंने कहा, ऐसा हमला होने पर अनुच्छेद पांच प्रभावी हो जाएगा. हालांकि, ऐसे हमले होने पर अनुच्छेद पांच के प्रभावी होने के बारे में फैसला मामले दर मामले के आधार पर नाटो द्वारा लिया जाएगा.

पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले करीब 2000 में से आधे उपग्रहों का संचालन नाटो देशों के पास है, जो मोबाइल फोन, बैंकिंग सेवाओं से लेकर मौसम पूर्वानुमान आदि से जुड़े हैं. इनमें से कई उपग्रह ऐसे हैं, जिनका इस्तेमाल सैन्य कमांडर नौवहन, संचार, खुफिया जानकारियां साझा करने तथा मिसाइल लॉन्च का पता लगाने के लिए करते हैं.

पढ़ें- बाइडेन ने पुतिन को बताया 'काबिल विरोधी'

दिसंबर 2019 में नाटो के नेताओं ने भूमि, समुद्र, वायु और साइबरस्पेस के बाद अंतरिक्ष को अपने अभियानों के लिहाज से 'पांचवा क्षेत्र' घोषित किया था. कई सदस्य देश अंतरिक्ष में चीन और रूस के आक्रामक होते बर्ताव को लेकर चिंतित हैं. करीब 80 देशों के उपग्रह हैं तथा कई निजी कंपनियां भी इस क्षेत्र में उतर रही हैं. 1980 के दशक में नाटो के संचार का एक छोटा सा हिस्सा ही उपग्रहों के जरिए होता था आज यह कम से कम 40 फीसद है.

नाटो के सामूहिक रक्षा प्रावधान को अब तक केवल एक बार, अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए हमले के चलते प्रभावी किया गया था. तब सभी सदस्य देश अमेरिका के समर्थन में एकजुट हो गए थे.

बाइडेन ने सोमवार को कहा था कि अनुच्छेद पांच नाटो सहयोगियों के बीच 'एक पवित्र दायित्व' है. उन्होंने कहा था, मैं पूरे यूरोप को यह बताना चाहता हूं कि अमेरिका आपके लिए खड़ा है, अमेरिका आपके लिए है.

(एपी)

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