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नए संघर्ष विराम समझौते के बीच नागोर्नो-काराबाख में हिंसा - अजरबैजान के राष्ट्रपति

शनिवार को घोषित नए संघर्ष विराम की घोषणा और 27 सितंबर से सैकड़ों लोगों को मार डालने वाली लड़ाई को समाप्त करने का दूसरा प्रयास किया गया, इसके बावजूद नागोर्नो-काराबाख को लेकर आर्मेनियाई और अजरबैजानी बलों के बीच हिंसा जारी है.

नागोर्नो-करबाख पर हिंसा
नागोर्नो-करबाख पर हिंसा
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Published : Oct 19, 2020, 7:53 PM IST

येरेवन : गोलाबारी की अधिक रिपोर्टों ने सोमवार को नागोर्नो-काराबाख के अलगाववादी क्षेत्र में नए संघर्ष विराम को चुनौती दी, जहां आर्मेनियाई और अजरबैजानी बलों के बीच तीन सप्ताह से अधिक समय तक भारी लड़ाई हुई.

नागोर्नो-काराबाख सेना ने सोमवार को कहा कि सुबह में अजरबैजानी बलों ने उत्तरी और दक्षिणी दिशाओं में गोलाबारी शुरू कर दी.

आर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता शुशन स्टेपियन ने भी संघर्ष क्षेत्र की दक्षिणी दिशा में भारी लड़ाई की सूचना दी.

अजरबैजान ने बारी-बारी से आर्मेनियाई बलों पर अपने गोरानबॉय, टेरर और अघदम क्षेत्रों में रात भर गोलाबारी करने और सुबह अजबगेडी क्षेत्र को निशाना बनाने का आरोप लगाया.

साथ ही सोमवार को, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने घोषणा की कि देश की सेनाओं ने ईरानी सीमा के पास जेबरायल क्षेत्र में 13 गांवों पर नियंत्रण कर लिया है.

बता दें कि, नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान में स्थित है, लेकिन 1994 में एक युद्ध समाप्त होने के बाद आर्मेनिया द्वारा समर्थित जातीय आर्मेनियाई सेना के नियंत्रण में रहा है. जब युद्ध समाप्त हुआ, तब तक आर्मेनियाई बलों ने न केवल नागोर्नो-काराबाख को कब्जे में लिया, बल्कि क्षेत्र की सीमाओं के बाहर पर्याप्त क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया.

नागोर्नो-काराबाख अधिकारियों के अनुसार 27 सितंबर से जंग लड़ने वाले उनके 710 सैनिक लड़ाई में मारे जा चुके हैं. अजरबैजान ने अपने सैन्य नुकसान का खुलासा नहीं किया है, हालांकि उसने अपने 60 नागरिकों की मौत और 270 नागिरकों के घायल होने की पुष्टि की है.

हाल की लड़ाई में भारी तोपखाने, रॉकेट और ड्रोन शामिल थे. इस संघर्ष ने नागोर्नो-काराबाख पर एक दशक पुराने संघर्ष के सबसे बड़े विस्तार को चिह्नित किया और तुर्की से जुड़े व्यापक संघर्ष की चिंताओं को उठाया, जिसने सार्वजनिक रूप से अजरबैजान और रूस का समर्थन किया है, जिसका आर्मेनिया के साथ सुरक्षा समझौता है.

9 अक्टूबर को मास्को ने आर्मेनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्रियों ने मेजबानी की. 10 घंटे से अधिक की बातचीत के बाद उन्होंने संघर्ष विराम समझौते की घोषणा की, जिसके लागू होने के कुछ ही मिनटों बाद उसका उल्लंघन किया गया.

शनिवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के आर्मेनिया और अजरबैजान के अपने समकक्षों के साथ हुई बातचीत के बाद नए युद्ध विराम समझौते की घोषणा की गई. हालांकि, समझौते के बाद भी दोनों पक्षों ने नए हमलों की सूचना दी है.

येरेवन : गोलाबारी की अधिक रिपोर्टों ने सोमवार को नागोर्नो-काराबाख के अलगाववादी क्षेत्र में नए संघर्ष विराम को चुनौती दी, जहां आर्मेनियाई और अजरबैजानी बलों के बीच तीन सप्ताह से अधिक समय तक भारी लड़ाई हुई.

नागोर्नो-काराबाख सेना ने सोमवार को कहा कि सुबह में अजरबैजानी बलों ने उत्तरी और दक्षिणी दिशाओं में गोलाबारी शुरू कर दी.

आर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता शुशन स्टेपियन ने भी संघर्ष क्षेत्र की दक्षिणी दिशा में भारी लड़ाई की सूचना दी.

अजरबैजान ने बारी-बारी से आर्मेनियाई बलों पर अपने गोरानबॉय, टेरर और अघदम क्षेत्रों में रात भर गोलाबारी करने और सुबह अजबगेडी क्षेत्र को निशाना बनाने का आरोप लगाया.

साथ ही सोमवार को, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने घोषणा की कि देश की सेनाओं ने ईरानी सीमा के पास जेबरायल क्षेत्र में 13 गांवों पर नियंत्रण कर लिया है.

बता दें कि, नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान में स्थित है, लेकिन 1994 में एक युद्ध समाप्त होने के बाद आर्मेनिया द्वारा समर्थित जातीय आर्मेनियाई सेना के नियंत्रण में रहा है. जब युद्ध समाप्त हुआ, तब तक आर्मेनियाई बलों ने न केवल नागोर्नो-काराबाख को कब्जे में लिया, बल्कि क्षेत्र की सीमाओं के बाहर पर्याप्त क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया.

नागोर्नो-काराबाख अधिकारियों के अनुसार 27 सितंबर से जंग लड़ने वाले उनके 710 सैनिक लड़ाई में मारे जा चुके हैं. अजरबैजान ने अपने सैन्य नुकसान का खुलासा नहीं किया है, हालांकि उसने अपने 60 नागरिकों की मौत और 270 नागिरकों के घायल होने की पुष्टि की है.

हाल की लड़ाई में भारी तोपखाने, रॉकेट और ड्रोन शामिल थे. इस संघर्ष ने नागोर्नो-काराबाख पर एक दशक पुराने संघर्ष के सबसे बड़े विस्तार को चिह्नित किया और तुर्की से जुड़े व्यापक संघर्ष की चिंताओं को उठाया, जिसने सार्वजनिक रूप से अजरबैजान और रूस का समर्थन किया है, जिसका आर्मेनिया के साथ सुरक्षा समझौता है.

9 अक्टूबर को मास्को ने आर्मेनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्रियों ने मेजबानी की. 10 घंटे से अधिक की बातचीत के बाद उन्होंने संघर्ष विराम समझौते की घोषणा की, जिसके लागू होने के कुछ ही मिनटों बाद उसका उल्लंघन किया गया.

शनिवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के आर्मेनिया और अजरबैजान के अपने समकक्षों के साथ हुई बातचीत के बाद नए युद्ध विराम समझौते की घोषणा की गई. हालांकि, समझौते के बाद भी दोनों पक्षों ने नए हमलों की सूचना दी है.

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