मॉस्को : सोवियत संघ के अंतिम मार्शल, दिमित्री याजोव की मृत्यु हो गई है. दिमित्री ने 1991 में तत्कालीन यूएसएसआर नेता मिखाइल गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट अभियान में भाग लिया था.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि याजोव का 95 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के चलते मॉस्को में निधन हुआ.
1987 और 1991 के बीच रक्षा मंत्री रहे, याजोव ने मार्शल के बनने के एक साल बाद अगस्त 1991 में गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट के प्रयास में भाग लिया था.
हालांकि तख्तापलट विफल हो गया और उसके नेताओं को तीन दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन यह प्रयास सोवियत संघ के पतन का कारण बना और अंततः दिसंबर 1991 में सोवियत संघ भंग कर दिया गया.
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याजोव को 1993 में जेल से रिहा किया गया और 1994 में असफल तख्तापलट में उनकी भूमिका के लिए माफी दी गई.
वह रूस में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बने रहे. 4 फरवरी को, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु द्वारा उन्हें 'फॉर मेरिट टू द फादरलैंड' पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी उन्हें सम्मानित किया था, 2004 में याजोव को ऑर्डर ऑफ ऑनर और 2014 में ऑर्डर अलेक्जेंडर नेवस्की से सम्मानित किया गया.