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जूलियन असांजे को मिला प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार - जूलियन असांजे

ब्रिटेन की शीर्ष अदालत ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित (Julian Assange extradition case) किए जाने के आदेश के खिलाफ अपील करने का अधिकार दे दिया है. अगर असांजे को प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय से अपील करने का अधिकार नहीं मिलता तो यह मामला अंतिम निर्णय के लिए सीधे ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाता.

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Published : Jan 24, 2022, 7:25 PM IST

लंदन : ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित (Julian Assange extradition case) किए जाने के आदेश के खिलाफ अपील करने की सोमवार को अनुमति प्रदान कर दी. इराक और अफगानिस्तान में युद्ध से संबंधित हजारों गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने के मामले में 50 वर्षीय असांजे अमेरिका में वांछित हैं. उनके वकीलों ने तर्क दिया कि आत्महत्या के वास्तविक जोखिम के कारण उनके मुवक्किल को अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जाना चाहिए.

पिछले महीने, अमेरिकी अधिकारियों ने अदालत के उस फैसले के खिलाफ अपील जीत ली थी कि असांजे की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता. अमेरिकी अधिकारियों ने बाद में आश्वासन दिया था कि विकीलीक्स के संस्थापक को उन गंभीर प्रतिबंधात्मक शर्तों का सामना नहीं करना पड़ेगा जिनका उनके वकीलों ने हवाला दिया है.

उच्च न्यायालय ने दिसंबर में निचली अदालत के फैसले को पलट दिया था और कहा था कि अमेरिका का यह आश्वासन पर्याप्त है कि असांजे के साथ मानवीय व्यवहार किया जाएगा. अब, असांजे ने 'सामान्य सार्वजनिक महत्व' के कानून के एक बिंदु के आधार पर उच्चतम न्यायालय से अपने प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार प्राप्त कर लिया है, जिसका प्रत्यर्पण मामलों में नई मिसाल कायम करने संबंधी दूरगामी प्रभाव हो सकता है.

यह भी पढ़ें- जूलियन असांजे को जेल में शादी करने की अनुमति मिली

यदि असांजे को प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय से अपील करने का अधिकार नहीं मिलता तो यह मामला अंतिम निर्णय के लिए सीधे ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाता.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित (Julian Assange extradition case) किए जाने के आदेश के खिलाफ अपील करने की सोमवार को अनुमति प्रदान कर दी. इराक और अफगानिस्तान में युद्ध से संबंधित हजारों गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने के मामले में 50 वर्षीय असांजे अमेरिका में वांछित हैं. उनके वकीलों ने तर्क दिया कि आत्महत्या के वास्तविक जोखिम के कारण उनके मुवक्किल को अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जाना चाहिए.

पिछले महीने, अमेरिकी अधिकारियों ने अदालत के उस फैसले के खिलाफ अपील जीत ली थी कि असांजे की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता. अमेरिकी अधिकारियों ने बाद में आश्वासन दिया था कि विकीलीक्स के संस्थापक को उन गंभीर प्रतिबंधात्मक शर्तों का सामना नहीं करना पड़ेगा जिनका उनके वकीलों ने हवाला दिया है.

उच्च न्यायालय ने दिसंबर में निचली अदालत के फैसले को पलट दिया था और कहा था कि अमेरिका का यह आश्वासन पर्याप्त है कि असांजे के साथ मानवीय व्यवहार किया जाएगा. अब, असांजे ने 'सामान्य सार्वजनिक महत्व' के कानून के एक बिंदु के आधार पर उच्चतम न्यायालय से अपने प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार प्राप्त कर लिया है, जिसका प्रत्यर्पण मामलों में नई मिसाल कायम करने संबंधी दूरगामी प्रभाव हो सकता है.

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यदि असांजे को प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय से अपील करने का अधिकार नहीं मिलता तो यह मामला अंतिम निर्णय के लिए सीधे ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाता.

(पीटीआई-भाषा)

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