ETV Bharat / international

ईरान ने परमाणु समझौता विवाद निवारण प्रक्रिया शुरू की : यूरोपीय संघ - european union

यूरोपीय संघ को परमाणु समझौते के लिए ईरान ने पत्र लिखा है. यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने शुक्रवार को कहा कि ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने पत्र में समझौते के पैराग्राफ 36 में अंकित विवाद निवारण प्रणाली के तहत उपायों की मांग की है. विवाद निवारण प्रणाली करीब एक महीने की अवधि के लिए होती है, जो किसी समझौते को सुलझाने वाले सभी पक्षों के सहमत होने पर लंबी भी हो सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

nuclear settlement dispute resolution
परमाणु समझौता विवाद निवारण
author img

By

Published : Jul 4, 2020, 10:56 PM IST

ब्रसेल्स : यूरोपीय संघ के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि उन्हें ईरान से एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिससे उस अंतरराष्ट्रीय समझौते में विवाद निवारण प्रक्रिया शुरू हो गई है जो तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को सीमित करने से संबंधित है. पत्र में चिंता जताई गई है कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी अपनी ओर से इस समझौते को नहीं निभा रहे हैं.

परमाणु समझौते पर ईरान ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, चीन और रूस के साथ 2015 में हस्ताक्षर किए थे, लेकिन 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे अपने हाथ खींच लिए और उसके बाद से यह समझौता खात्मे की तरफ ही जा रहा है.

संयुक्त समग्र कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) नाम के इस समझौते के समन्वयक और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने शुक्रवार को कहा कि ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने पत्र में समझौते के पैराग्राफ 36 में अंकित विवाद निवारण प्रणाली के तहत उपायों की मांग की है.

पढ़ें : यूएन सुरक्षा परिषद बढ़ा सकता है ईरान पर लगे प्रतिबंध, पोम्पियो ने की अपील

विवाद निवारण प्रणाली करीब एक महीने की अवधि के लिए होती है जो किसी समझौते को सुलझाने वाले सभी पक्षों के सहमत होने पर लंबी भी हो सकती है.

जरीफ ने 19 जून को ट्वीट किया था कि तीन देशों को अपना चेहरा बचाने की जिद्दोजहद छोड़कर सार्वजनिक रूप से उस बात को कहने का साहस दिखाना चाहिए जो वह निजी रूप से स्वीकार करते हैं कि जेसीपीओए के तहत उनके खुद के कर्तव्य नहीं निभा पाने की वजह अमेरिकी धौंस का विरोध करने की क्षमता नहीं होना है.

जरीफ के बोरेल को लिखे पत्र से एक दिन पहले ही नतांज के भूमिगत संयंत्र में रहस्यमयी तरीके से आग लग गई थी, जहां ईरान यूरेनियम का संवर्द्धन करता है.

ब्रसेल्स : यूरोपीय संघ के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि उन्हें ईरान से एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिससे उस अंतरराष्ट्रीय समझौते में विवाद निवारण प्रक्रिया शुरू हो गई है जो तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को सीमित करने से संबंधित है. पत्र में चिंता जताई गई है कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी अपनी ओर से इस समझौते को नहीं निभा रहे हैं.

परमाणु समझौते पर ईरान ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, चीन और रूस के साथ 2015 में हस्ताक्षर किए थे, लेकिन 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे अपने हाथ खींच लिए और उसके बाद से यह समझौता खात्मे की तरफ ही जा रहा है.

संयुक्त समग्र कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) नाम के इस समझौते के समन्वयक और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने शुक्रवार को कहा कि ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने पत्र में समझौते के पैराग्राफ 36 में अंकित विवाद निवारण प्रणाली के तहत उपायों की मांग की है.

पढ़ें : यूएन सुरक्षा परिषद बढ़ा सकता है ईरान पर लगे प्रतिबंध, पोम्पियो ने की अपील

विवाद निवारण प्रणाली करीब एक महीने की अवधि के लिए होती है जो किसी समझौते को सुलझाने वाले सभी पक्षों के सहमत होने पर लंबी भी हो सकती है.

जरीफ ने 19 जून को ट्वीट किया था कि तीन देशों को अपना चेहरा बचाने की जिद्दोजहद छोड़कर सार्वजनिक रूप से उस बात को कहने का साहस दिखाना चाहिए जो वह निजी रूप से स्वीकार करते हैं कि जेसीपीओए के तहत उनके खुद के कर्तव्य नहीं निभा पाने की वजह अमेरिकी धौंस का विरोध करने की क्षमता नहीं होना है.

जरीफ के बोरेल को लिखे पत्र से एक दिन पहले ही नतांज के भूमिगत संयंत्र में रहस्यमयी तरीके से आग लग गई थी, जहां ईरान यूरेनियम का संवर्द्धन करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.