जेनेवा : रूस के राष्ट्रपति पुतिन के प्रखर आलोचक एलेक्सी नवेलनी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं. जर्मनी के अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है. नवेलनी को जहर दिए जाने की आशंका के इस मामले में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने भी प्रतिक्रिया दी है. आयोग प्रमुख के कार्यालय ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की बात कही है.
मानवाधिकार आयोग ने रूस सरकार से एलेक्सी नवेलनी को कथित तौर पर जहर देने के मामले की स्वतंत्र जांच कराने या ऐसी किसी जांच में सहयोग देने की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशले ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन के एक अस्पताल में भर्ती नवेलनी के कोमा से बाहर आने पर खुशी प्रकट की है. बैशले के कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कॉलविले ने यह जानकारी दी.
कॉलविले ने जेनेवा में पत्रकारों से कहा रूस की धरती पर बेहद गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस अपराध को अंजाम देने में जहरीले और बेहद घातक पदार्थ नॉविचोक का इस्तेमाल किया गया. इस मामले में पर्याप्त जांच होनी चाहिए.
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर आचोलक नवेलनी को पिछले महीने 20 अगस्त को रूस की घरेलू उड़ान में बीमार पड़ने के बाद जर्मनी ले जाया गया था. जर्मनी के रासायनिक हथियार विशेषज्ञों ने कहा था कि जांच में पता चला है कि 44 वर्षीय नवेलनी को जहर दिया गया है.