लंदन: भारतीय मूल के एक छात्र को लड़की के साथ छेड़छाड़ करना भारी पड़ गया. उसे अदालत ने दोषी करार पाते हुए तो सजा सुनायी ही साथ उस विश्वविद्यालय ने भी उसे कड़ा दंड दिया जहां वह पढ़ता था. ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक 22 वर्षीय छात्र(Indian origin student) को छेड़छाड़ करने का दोषी पाया जिसके बाद विश्वविद्यालय ने उसे निष्कासित(University expelled him ) कर दिया.
ऑक्सफोर्ड ब्रूक्स विश्वविद्यालय(Oxford Brookes University ) में एक छात्रा को धमकाने(threatened a female student) वाले साहिल भवनानी(Sahil Bhavnani) को गुरुवार को चार महीने की कैद, दो साल के लिए निलंबन और पांच साल के प्रतिबंध का आदेश दिया गया. जज निगेल डेली ने ऑक्सफोर्ड क्राउन कोर्ट(Judge Nigel Daly at Oxford Crown Court) में यह सूचित करने के बाद फैसला सुनाया कि भवनानी शनिवार को अपने पिता के साथ हांगकांग लौटेंगे.
बचाव पक्ष के वकील रिचर्ड डेविस ने अदालत को बताया कि भवनानी को विश्वविद्यालय से निष्कासित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि उसे डर था कि भवनानी उसका यौन शोषण करेगा. भावनानी को छेड़छाड़, पीछा करने के लिए दोषी ठहराया गया, लेकिन अपराध के अधिक गंभीर रूप के लिए दोषी नहीं. वह पहले ही अपनी जमानत का उल्लंघन करने के बाद एक महीने रिमांड पर बिता चुका है.
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पीड़िता ने मीडिया को बताया, 'मुझे छह मिनट लंबे वॉयस मैसेज आया, जिसमें कहा गया कि वह मुझे अपनी पत्नी बनाने जा रहा है, मुझे अपने बच्चे पैदा करने के लिए कहा, साथ ही मुझे उसके साथ रहने के लिए भी कहा.' पीड़िता ने बार-बार स्पष्ट किया था कि उसे किसी भी तरह के रिश्ते में कोई दिलचस्पी नहीं है, और भवनानी को चेतावनी दी कि अगर उसने उसे परेशान करना जारी रखा तो वह पुलिस से संपर्क करेगी.
वह अब विश्वविद्यालय की नीतियों में बदलाव का आह्वान कर रही है, और ऐसे पीड़ितों का अधिक समर्थन करने का आग्रह कर रही है. ऑक्सफोर्ड ब्रूक्स यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि वह छात्रों को आश्वस्त करना चाहती है कि उसने 'उत्पीड़न, हिंसा या दुर्व्यवहार की रिपोर्ट को बहुत गंभीरता से लिया' और कहा कि सबक सीखा जाएगा.