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भारतीय मूल के डॉक्टर की जॉनसन से मांग- सराहना से ज्यादा बुनियादी सुविधाओं की जरूरत

ब्रिटेन कोरोना महामारी से बुरी तरफ प्रभावित है. इस स्थिति को लेकर भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि जिन चिकित्साकर्मियों को संकट के इस दौर में नायकों की तरह पूजा जा रहा है, उन्हें सराहना से ज्यादा बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है. जानें विस्तार से...

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (फाइल फोटो)
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Published : Apr 22, 2020, 8:15 PM IST

लंदन : भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना वायरस महामारी समाप्त होने के बाद भी सरकार संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को पूरी तरह संसाधन संपन्न रखा जाए.

दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के डोरसेट से शिशुरोग विशेषज्ञ प्रोफेसर मिनेश खाशू ने जॉनसन को कोरोना वायरस से निबटने में सरकार के कदमों के संबंध में कड़े शब्दों में पत्र लिखा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि जिन चिकित्साकर्मियों को संकट के इस दौर में नायकों की तरह पूजा जा रहा है, उन्हें सराहना से ज्यादा बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है.

प्रोफेसर मिनेश ने इस संकट से निबटने में कुछ अवसरों का लाभ नहीं उठाए जाने की बात भी कही है और सवाल किया है कि जर्मनी जैसे देश कैसे इस घातक वायरस पर जांच के जरिए नियंत्रण पाने में सफल रहे जबकि ब्रिटेन पिछड़ गया.

पढ़ें : ब्रिटेन में कोरोना : स्वस्थ होकर घर लौटे पीएम बोरिस जॉनसन, कामकाज संभाला

खाशू ने पत्र में लिखा, 'हमें कुछ देने का सर्वश्रेष्ठ तरीका होगा कि एक अच्छी खासी वित्तपोषित और टिकाऊ स्वास्थ्य तथा सामाजिक देखभाल प्रणाली होनी चाहिए. कोविड-19 के संकट ने अचानक से सभी को यह मानने के लिए मजबूर कर दिया है कि हमें अपने नायकों की प्रशंसा और पूजा करनी होगी, लेकिन हमें वास्तव में जरूरत है कि एक बेहतर वित्तपोषित प्रणाली हो तथा काम के वक्त हमारे लिए बुनियादी सुविधाएं हों.'

कोरोना वायरस से निबटने में अग्रिम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर ने इस बात पर जोर दिया है कि बुधवार को डेली मिरर में प्रकाशित खुला पत्र दरअसल व्यक्तिगत स्तर पर लिखा गया था, ना कि पेशेवर स्तर पर.

लंदन : भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना वायरस महामारी समाप्त होने के बाद भी सरकार संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को पूरी तरह संसाधन संपन्न रखा जाए.

दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के डोरसेट से शिशुरोग विशेषज्ञ प्रोफेसर मिनेश खाशू ने जॉनसन को कोरोना वायरस से निबटने में सरकार के कदमों के संबंध में कड़े शब्दों में पत्र लिखा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि जिन चिकित्साकर्मियों को संकट के इस दौर में नायकों की तरह पूजा जा रहा है, उन्हें सराहना से ज्यादा बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है.

प्रोफेसर मिनेश ने इस संकट से निबटने में कुछ अवसरों का लाभ नहीं उठाए जाने की बात भी कही है और सवाल किया है कि जर्मनी जैसे देश कैसे इस घातक वायरस पर जांच के जरिए नियंत्रण पाने में सफल रहे जबकि ब्रिटेन पिछड़ गया.

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खाशू ने पत्र में लिखा, 'हमें कुछ देने का सर्वश्रेष्ठ तरीका होगा कि एक अच्छी खासी वित्तपोषित और टिकाऊ स्वास्थ्य तथा सामाजिक देखभाल प्रणाली होनी चाहिए. कोविड-19 के संकट ने अचानक से सभी को यह मानने के लिए मजबूर कर दिया है कि हमें अपने नायकों की प्रशंसा और पूजा करनी होगी, लेकिन हमें वास्तव में जरूरत है कि एक बेहतर वित्तपोषित प्रणाली हो तथा काम के वक्त हमारे लिए बुनियादी सुविधाएं हों.'

कोरोना वायरस से निबटने में अग्रिम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर ने इस बात पर जोर दिया है कि बुधवार को डेली मिरर में प्रकाशित खुला पत्र दरअसल व्यक्तिगत स्तर पर लिखा गया था, ना कि पेशेवर स्तर पर.

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