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बौद्धिक संपदा में सहयोग के लिए भारत-डेनमार्क के बीच समझौता

बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और डेनमार्क के बीत समझौता हुआ है. इसका उद्देश्य बौद्धिक संपदा में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग करना है.

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भारत-डेनमार्क के बीच समझौता
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Published : Sep 26, 2020, 9:21 PM IST

नई दिल्ली : भारत और डेनमार्क ने बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. आंतरिक व्यापार एवं उद्योग संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र और डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन ने शनिवार को औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

एमओयू का उद्देश्य अधिकारियों, व्यवसायों और अनुसंधान तथा शैक्षणिक संस्थानों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुभवों व ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच बौद्धिक संपदा सहयोग को बढ़ाना है. साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, तकनीकी आदान-प्रदान एवं आउटरीच गतिविधियों में सहयोग करना है.

दोनों पक्ष पेटेंट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइन और भौगोलिक संकेत के लिए आवेदन के निपटान की प्रक्रियाओं पर सूचनाओं व सर्वोत्तम प्रथाओं का भी आदान-प्रदान करेंगे.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा दोनों पक्ष एमओयू को लागू करने के लिए एक द्विवार्षिक कार्य योजना तैयार करेंगे, जिसमें सहयोग गतिविधियों को पूरा करने की विस्तृत योजना शामिल होगी.

यह भी पढ़ें- लेबनान के मनोनीत प्रधानमंत्री मुस्तफा अदीब ने इस्तीफा दिया

बयान में कहा गया यह समझौता ज्ञापन भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में एक लंबा रास्ता तय करेगा तथा दोनों देशों को एक-दूसरे के अनुभव से सीखने के अवसर प्रदान करेगा.

नई दिल्ली : भारत और डेनमार्क ने बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. आंतरिक व्यापार एवं उद्योग संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र और डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन ने शनिवार को औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

एमओयू का उद्देश्य अधिकारियों, व्यवसायों और अनुसंधान तथा शैक्षणिक संस्थानों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुभवों व ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच बौद्धिक संपदा सहयोग को बढ़ाना है. साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, तकनीकी आदान-प्रदान एवं आउटरीच गतिविधियों में सहयोग करना है.

दोनों पक्ष पेटेंट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइन और भौगोलिक संकेत के लिए आवेदन के निपटान की प्रक्रियाओं पर सूचनाओं व सर्वोत्तम प्रथाओं का भी आदान-प्रदान करेंगे.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा दोनों पक्ष एमओयू को लागू करने के लिए एक द्विवार्षिक कार्य योजना तैयार करेंगे, जिसमें सहयोग गतिविधियों को पूरा करने की विस्तृत योजना शामिल होगी.

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बयान में कहा गया यह समझौता ज्ञापन भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में एक लंबा रास्ता तय करेगा तथा दोनों देशों को एक-दूसरे के अनुभव से सीखने के अवसर प्रदान करेगा.

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