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ईरान ने जमा किया तय सीमा से पांच गुना ज्यादा यूरेनियम भंडार

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की रिपोर्ट के मुताबिक 19 फरवरी 2020 तक ईरान के पास 1,510 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम का भंडार था, जबकि समझौते में इसकी अधिकतम सीमा 300 किलोग्राम निर्धारित की गई थी. पढे़ं पूरा विवरण...

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आईएईए
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Published : Mar 4, 2020, 10:07 AM IST

वियना : ईरान ने 2015 में विश्व शक्तियों के साथ हुए करार में निर्धारित सीमा से पांच गुना अधिक संवर्धित यूरेनियम का भंडार जमा किया है. संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी निकाय ने यह खुलासा करते हुए बताया कि ईरान ने उसे दो केंद्र की जांच करने की अनुमति देने से भी मना कर दिया है.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की रिपोर्ट के मुताबिक 19 फरवरी 2020 तक ईरान के पास 1,510 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम का भंडार था जबकि समझौते में इसकी अधिकतम सीमा 300 किलोग्राम निर्धारित की गई थी.

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी सामग्री से परमाणु हथियार बनाया जा सकता है. हालांकि, घातक हथियार बनाने के लिए यूरेनियम को और अधिक संवर्धित करने के साथ कई चरण पार करने होंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक ईरान का यूरेनियम संवर्धित करने का स्तर 4.5 प्रतिशत से अधिक नहीं है लेकिन परमाणु हथियार बनाने के लिए संवर्धन का स्तर करीब 90 प्रतिशत होना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि 2015 में हुए समझौते से अमेरिका मई 2018 में अलग हो गया था और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे. आईएईए की रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब कुछ दिन पहले ही करार को बचाने के लिए वियना में अन्य पक्षकारों की हुई बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हुई थी.

पढ़ें : ईरान में कोरोना की चपेट में आए 23 सांसद, वायरस से 77 की मौत

आईएईए ने मंगलवार को बताया कि जनवरी में उसके दल को ईरान ने तीन परमाणु केंद्रों में से दो का निरीक्षण करने की अनुमति नहीं दी. एजेंसी ने इन स्थानों की पहचान अघोषित परमाणु संबंधी गतिविधि स्थल के रूप में की थी और इससे जुड़े कई सवाल किए थे.

हालांकि, कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी की ओर से मांगी गई जानकारी ईरान के ऐतिहासिक परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी थी और यह 2015 में विश्व शक्तियों से हुए समझौते के अंतर्गत नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख ने मंगलवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर आगाह किया और तेहरान स्थित अघोषित केंद्र के बारे में स्पष्टीकरण की मांग की जहां पर पिछले साल यूरेनियम के कण मिले थे.

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मिलने पेरिस आए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के नए प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा, ' ईरान को एजेंसी से सहयोग करने और जरूरी स्पष्टीकरण देने के लिए स्पष्ट रूप से फैसला करना होगा. '

ग्रोसी ने कहा, 'यह तथ्य है कि हमने अवशेष (यूरेनियम) पाया वह बहुत महत्वपूर्ण है. इसका अभिप्राय है कि वहां परमाणु गतिविधि करने और सामग्री रखने की संभावना है. वह अंतरराष्ट्रीय निगरानी में नहीं है और हमें उसके स्रोत या उद्देश्य का पता नहीं है, जो मुझे चिंतित करता है.'

आईएईए कई महीनों से ईरान पर अघोषित स्थान तेहरान के तुर्कजाबाद में यूरेनियम के कण पाए जाने के मामले में स्पष्टीकरण मांग रहा है. इजराइल ने आरोप लगाया है कि वहां पर गुप्त परमाणु गतिविधि को अंजाम दिया जा रहा था.

वियना : ईरान ने 2015 में विश्व शक्तियों के साथ हुए करार में निर्धारित सीमा से पांच गुना अधिक संवर्धित यूरेनियम का भंडार जमा किया है. संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी निकाय ने यह खुलासा करते हुए बताया कि ईरान ने उसे दो केंद्र की जांच करने की अनुमति देने से भी मना कर दिया है.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की रिपोर्ट के मुताबिक 19 फरवरी 2020 तक ईरान के पास 1,510 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम का भंडार था जबकि समझौते में इसकी अधिकतम सीमा 300 किलोग्राम निर्धारित की गई थी.

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी सामग्री से परमाणु हथियार बनाया जा सकता है. हालांकि, घातक हथियार बनाने के लिए यूरेनियम को और अधिक संवर्धित करने के साथ कई चरण पार करने होंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक ईरान का यूरेनियम संवर्धित करने का स्तर 4.5 प्रतिशत से अधिक नहीं है लेकिन परमाणु हथियार बनाने के लिए संवर्धन का स्तर करीब 90 प्रतिशत होना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि 2015 में हुए समझौते से अमेरिका मई 2018 में अलग हो गया था और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे. आईएईए की रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब कुछ दिन पहले ही करार को बचाने के लिए वियना में अन्य पक्षकारों की हुई बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हुई थी.

पढ़ें : ईरान में कोरोना की चपेट में आए 23 सांसद, वायरस से 77 की मौत

आईएईए ने मंगलवार को बताया कि जनवरी में उसके दल को ईरान ने तीन परमाणु केंद्रों में से दो का निरीक्षण करने की अनुमति नहीं दी. एजेंसी ने इन स्थानों की पहचान अघोषित परमाणु संबंधी गतिविधि स्थल के रूप में की थी और इससे जुड़े कई सवाल किए थे.

हालांकि, कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी की ओर से मांगी गई जानकारी ईरान के ऐतिहासिक परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी थी और यह 2015 में विश्व शक्तियों से हुए समझौते के अंतर्गत नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख ने मंगलवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर आगाह किया और तेहरान स्थित अघोषित केंद्र के बारे में स्पष्टीकरण की मांग की जहां पर पिछले साल यूरेनियम के कण मिले थे.

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मिलने पेरिस आए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के नए प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा, ' ईरान को एजेंसी से सहयोग करने और जरूरी स्पष्टीकरण देने के लिए स्पष्ट रूप से फैसला करना होगा. '

ग्रोसी ने कहा, 'यह तथ्य है कि हमने अवशेष (यूरेनियम) पाया वह बहुत महत्वपूर्ण है. इसका अभिप्राय है कि वहां परमाणु गतिविधि करने और सामग्री रखने की संभावना है. वह अंतरराष्ट्रीय निगरानी में नहीं है और हमें उसके स्रोत या उद्देश्य का पता नहीं है, जो मुझे चिंतित करता है.'

आईएईए कई महीनों से ईरान पर अघोषित स्थान तेहरान के तुर्कजाबाद में यूरेनियम के कण पाए जाने के मामले में स्पष्टीकरण मांग रहा है. इजराइल ने आरोप लगाया है कि वहां पर गुप्त परमाणु गतिविधि को अंजाम दिया जा रहा था.

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