बर्लिन : जर्मनी ने रूस के विपक्ष के नेता एलेक्सी नवेलनी को जहर दिए जाने के मामले में रविवार को रूस पर दबाव बढ़ाते हुए चेतावनी दी कि जांच में मॉस्को की ओर से सहयोग नहीं मिलने पर वह जर्मन-रूसी गैस पाइपलाइन परियोजना पर पुनर्विचार कर सकता है.
जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने मीडिया को बताया कि, 'मुझे उम्मीद है कि रूस बाल्टिक सागर के अंदर बनाई जा रही नॉर्ड स्ट्रीम दो पाइपलाइन के संबंध में हमारे रुख को बदलने के लिए बाध्य नहीं करेगा.'
साझेदारों से करनी होगी बातचीत
उन्होंने आगे कहा कि, 'अगर आने वाले दिनों में जांच के संबंध में रूस की ओर से मदद नहीं मिली तो हमें हमारे साझेदारों से बातचीत करनी होगी.' मास ने बातचीत के दौरान आगे कहा कि, 'अगर हम पाबंदियों की सोचते हैं तो वे भी प्रभावी तरीके से की जाएंगी.'
पाइपलाइन निर्माण रोकने से होगा नुकसान
मास ने यह भी स्वीकार किया कि करीब-करीब पूरी हो चुकी पाइपलाइन का निर्माण रोकने से जर्मन और यूरोपीय कंपनियों को नुकसान होगा. रूसी राष्ट्रपति के आलोचक और भ्रष्टाचार के मामले उजागर करने वाले नवेलनी पिछले महीने मॉस्को जा रही एक उड़ान में बीमार पड़ गए थे और उन्हें साइबेरिया के शहर ओम्स्क में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
उपचार के लिए भेजा गया था जर्मनी
नवेलनी को 22 अगस्त को उपचार के लिए जर्मनी भेजा गया था. वह तभी से बर्लिन के एक अस्पताल में कोमा में हैं. जर्मनी के अधिकारियों के अनुसार जांच में पता चला है कि, उन्हें नोविचोक ग्रुप के रासायनिक नर्व एजेंट के साथ जहर दिया गया था. मास ने कहा कि, 'हमें रूसी पक्ष से इस गंभीर अपराध का पर्दाफाश करने के लिहाज से बहुत अपेक्षाएं हैं.'
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आरोपों को किया खारिज
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने नवेलनी को जहर देने में क्रेमलिन के शामिल होने के आरोपों को खारिज करते हुए पिछले हफ्ते कहा था कि, 'जर्मनी ने मॉस्को को नवल्नी की हालत के बारे में एक भी सबूत मुहैया नहीं कराया है.'
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने नवेलनी को जहर दिए जाने को हत्या की कोशिश करार दिया था.