लंदन : भारत और ब्रिटेन के संबंधों को लेकर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि भारत कोरोना महामारी और ब्रेक्जिट को एक अवसर के रूप में देखता है. उन्होंने मंगलवार को लंदन में कहा कि कोविड-19 और ब्रेक्जिट भारत-ब्रिटेन के संबंधों को और मजबूत करने के अवसर की तरह हैं. श्रृंगला ने पॉलिसी एक्सचेंज थिंक टैंक के 'हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भारत का दृष्टिकोण' विषय पर संबोधित के दौरान यह बातें कहीं.
श्रृंगला ने उम्मीद जतायी कि ब्रिटेन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी रणनीति तय करते समय फ्रांस, नीदरलैंड और जर्मनी का अनुसरण करेगा. उन्होंने कहा, 'कोविड-19 और ब्रेक्जिट...दोनों विषय अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. ब्रेक्जिट के कारण यूरोप और ब्रिटेन को अपने संबंधों पर फिर से गौर करना पड़ा. हम इसे ब्रिटेन के साथ अपने संबंधों को फिर से परिभाषित करने और निर्धारित करने के अवसर के तौर पर देखते हैं. '
गौरतलब है कि चीन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पैदा हो रही स्थिति पर वैश्विक ताकतों के बीच व्यापक चर्चा हो रही है.
परोक्ष रूप से चीन की महत्वाकांक्षी क्षेत्र और सड़क पहल का संदर्भ देते हुए विदेश सचिव ने उस वैश्विक व्यवस्था के खिलाफ आगाह किया जिसके तहत 'भरोसेमंद, सुरक्षित और टिकाऊ' आपूर्ति कड़ी के लिए बिना सोचे समझे निर्भरता बढ़ाने को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'हमें नहीं भूलना चाहिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों को उपनिवेशवाद का शिकार होना पड़ा. उसका कुछ हिस्सा आज भी मौजूद है और इसका समाधान करने की जरूरत है. ऐसा करते हुए और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हमें सोच-समझकर काम करने की जरूरत है, ना कि ऐसी व्यवस्था बनायी जाए जिस पर निर्भरता बढ़ जाए.'
चीन व्यापार के पुराने मार्ग सिल्क रोड की तर्ज पर क्षेत्र और सड़क पहल (बीआरआई) के जरिए रेल, समुद्री और सड़क संपर्क के जरिए एशिया से लेकर यूरोप और अफ्रीका तक मार्ग तैयार करना चाहता है.
इससे पहले श्रृंगला यूरोप के अपने दौरे के अंतिम चरण में लंदन पहुंचे. इससे पहले वह फ्रांस और जर्मनी के दौरे पर गए थे. लंदन में उनके कई अधिकारियों के साथ बातचीत का कार्यक्रम है.