पेरिस: पेरिस के ऐतिहासिक गिरजाघर नोट्रे-डेम कैथेड्रल में आग लग गई थी. आग में सबसे पहले यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित 850 साल पुरानी इमारत की छत तबाह हुई और फिर गॉथिक मीनार ढह गई. इस घटना पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शोक जताया.
पेरिस के ऐतिहासिक गिरजाघर नोट्रे-डेम कैथेड्रल में आग लगने के खबर मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने प्रतिक्रियाएं देते हुए घटना पर शोक जताया. इस घटना पर यूरोपीय आयोग के प्रमुख ज्यां क्लाउड जंकर ने कहा कि नोट्रे डेम का संबंध मानवता से है. इसने दुनियाभर के लेखकों, चित्रकारों, दार्शनिकों और पर्यटकों को प्रेरित किया है.
वहीं, वेटिकन के प्रवक्ता ने कहा, 'हम फ्रेंच कैथोलिक्स और पर्शिया आबादी के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं.हम दमकलकर्मियों और उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं जो इस घटना से निपटने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं'.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने पेरिस के नोट्रे-डेम कैथेड्रल में आग लगने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह आग इतनी भयानक थी कि 12वीं सदी की बेहतरीन वास्तु-कला का यह नमूना बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
वहीं यूनेस्को की प्रमुख ऑड्रे एजोले ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया. जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर घटना को भयावह बताया. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, ‘‘नोट्रे डेम दुनिया की बड़ी धरोहरों में से एक है और हम दुख के इस क्षण में फ्रांस के लोगों के साथ हैं.
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बता दें, पेरिस के ऐतिहासिक गिरजाघर नोट्रे-डेम कैथेड्रल में आग लग गई थी. आग में सबसे पहले यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित 850 साल पुरानी इमारत की छत तबाह हुई और फिर गॉथिक मीनार ढह गई.
गौरतलब है, आग ऐसे समय में लगी है, जब गिरजाघर में ईस्टर की तैयारियां की जा रही थीं. आग इतनी भयावह थी कि इसकी लपटे आसमान तक उठ रही थी, जिसे देख कर वहां मौजूद पर्यटक सन्न रह गए.
आग बुझाने के लिए दमकल विभाग के करीब 400 कर्मियों ने काफी मशक्कत की और वे काफी नुकसान के बाद इमरात के आगे के टावर को बचाने में कामयाब रहे.