लंदन : विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई लंदन की अदालत में मंगलवार को हुई. अमेरिका ने जासूसी मामले में उनका प्रत्यर्पण मांगा है. अमेरिकी अभियोजकों ने उन पर ये आरोप लगाए हैं कि उन्होंने सरकारी कंप्यूटरों को हैक करने की साजिश रची और गोपनीय दस्तावेज जारी करने संबंधी जासूसी कानून का उल्लंघन किया. सुनवाई के दौरान मनोचिकिस्सा विशेषज्ञ माइकल कोपेलमैन ने कहा कि अगर असांजे को अमेरिका भेजा जाता है, तो उनके द्वारा खुद को मारने की कोशिश करने की बहुत संभावना है.
किंग्स कॉलेज लंदन में न्यूरोसाइक्रीट्री के एमेरिटस प्रोफेसर माइकल कोपेलमैन ने कहा कि असांजे अवसाद से पीड़ित रहे हैं और अगर अमेरिकी प्रत्यर्पण का प्रयास सफल होता है तो आत्महत्या का उच्च जोखिम है.
लंदन के ओल्ड बेली क्रिमिनल कोर्ट में असांजे की ओर से गवाही देते हुए कोपेलमैन कहा यह प्रत्यर्पण या वास्तविक प्रत्यर्पण की स्थिति है. मेरी राय में इस प्रयास को गति मिलेगी.
उन्होंने कहा कि अवसाद और आत्महत्या के पारिवारिक इतिहास सहित ज्ञात जोखिम कारकों की एक बहुतायत थी और असांजे ने लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में पहली बार आइसोलेशन का अनुभव किया है, जहां उन्होंने 2012 में शरण ली थी और अप्रैल 2019 से ब्रिटेन की जेल में हैं.
कोपेलमैन ने कहा कि असांजे में एक ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार का भी पता चला है, जो कि आत्महत्या करने की प्रवृत्ति में वृद्धि से जुड़ा हुआ है. अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील जेम्स लुईस द्वारा क्रॉस-एग्जामिनेशन के हवाले से कोपेलमैन ने कहा कि वह हमेशा इस संभावना के प्रति सतर्क थे कि कोई मरीज दुर्भावनापूर्ण या अतिरंजित हो सकता है.
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असांजे की बचाव टीम का तर्क है कि वह एक पत्रकार हैं और इराक व अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के गलत कार्यों को उजागर करने वाले लीक दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए फर्स्ट अमेंडमेंट प्रोटेक्शन के हकदार हैं. उनका यह भी कहना है कि असांजे अमेरिकी जेल में जिन परिस्थितियों का सामना करेंगे, वह उनके मानवाधिकारों का हनन करेंगे.
असांजे के खिलाफ प्रत्यर्पण की सुनवाई सात सितंबर से शुरू हुई, जो अक्टूबर की शुरुआत तक चलने वाली है.