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अध्ययन रिपोर्ट में खुलासा, ब्रिटेन में बढ़ रहे डेल्टा के मामले लेकिन गंभीर मरीजों की संख्या कम

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. शुक्रवार को यूके में सप्ताह के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक 36,800 मामले दर्ज किए गए.

Corona Virus, delta Variant
कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप
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Published : Jul 16, 2021, 10:31 PM IST

लंदन: ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप का प्रकोप (delta Variant of Corona Virus) बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को यहां संक्रमण के और 36,800 मामले दर्ज किए गए हैं जो पिछले सप्ताह के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक हैं.

पब्लिक हैल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा कि संक्रमण के मामले अधिक हैं और लगातार बढ़ते जा रहे हैं लेकिन उसके अनुरूप कोविड-19 (Covid 19) के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की उतनी जरूरत नहीं पड़ रही है. इससे ये संकेत मिल रहा है कि कोरोना वायरस के इस बेहद संक्रामक स्वरूप के खिलाफ भी टीके प्रभावी हैं. डेल्टा बी 1.617.2 के 36,800 मामलों में से 45 मामले डेल्टा एवाई.1 के हैं जिसके बारे में आशंका है कि इसके खिलाफ टीका उतना प्रभावी नहीं होता.

मौत की संख्या में नहीं हो रही वृद्धि

ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ जैनी हैरिस ने कहा कि मामलों की दर अब भी अधिक है तथा बढ़ रही है. अच्छी बात यह है कि संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने तथा मौत की संख्या में उतनी वृद्धि नहीं हो रही. यह टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता का प्रमाण है जिससे गंभीर रोग के कम मामले सामने आ रहे हैं. कहा कि सबसे अच्छा तरीका है टीके की दोनों खुराक लेकर स्वयं को और अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखना.

पढ़ें: कोरोना महामारी के बीच जापान में ओलंपिक करवाने को लेकर जानिए क्या है भारतीय की राय

टीकों से बढ़िया बचाव हो रहा है, लेकिन वे जोखिम को पूरी तरह से खत्म नहीं करते. जैसे जैसे हम पाबंदियों को खत्म करने की दिशा में बढ़ रहे हैं उसके साथ ही सतर्कता बरतना और भी महत्वपूर्ण है. एक अन्य अध्ययन में यह पता चला कि कोविड रोधी टीके की दूसरी खुराक के 14 या कुछ अधिक दिन बाद लगभग 100 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी बन जाती हैं. यह अध्ययन इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन और अनुसंधान संस्था इप्सोस मोरी ने किया जिसमें टीके की दोनों खुराक के महत्व को रेखांकित किया गया.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन: ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप का प्रकोप (delta Variant of Corona Virus) बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को यहां संक्रमण के और 36,800 मामले दर्ज किए गए हैं जो पिछले सप्ताह के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक हैं.

पब्लिक हैल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा कि संक्रमण के मामले अधिक हैं और लगातार बढ़ते जा रहे हैं लेकिन उसके अनुरूप कोविड-19 (Covid 19) के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की उतनी जरूरत नहीं पड़ रही है. इससे ये संकेत मिल रहा है कि कोरोना वायरस के इस बेहद संक्रामक स्वरूप के खिलाफ भी टीके प्रभावी हैं. डेल्टा बी 1.617.2 के 36,800 मामलों में से 45 मामले डेल्टा एवाई.1 के हैं जिसके बारे में आशंका है कि इसके खिलाफ टीका उतना प्रभावी नहीं होता.

मौत की संख्या में नहीं हो रही वृद्धि

ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ जैनी हैरिस ने कहा कि मामलों की दर अब भी अधिक है तथा बढ़ रही है. अच्छी बात यह है कि संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने तथा मौत की संख्या में उतनी वृद्धि नहीं हो रही. यह टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता का प्रमाण है जिससे गंभीर रोग के कम मामले सामने आ रहे हैं. कहा कि सबसे अच्छा तरीका है टीके की दोनों खुराक लेकर स्वयं को और अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखना.

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टीकों से बढ़िया बचाव हो रहा है, लेकिन वे जोखिम को पूरी तरह से खत्म नहीं करते. जैसे जैसे हम पाबंदियों को खत्म करने की दिशा में बढ़ रहे हैं उसके साथ ही सतर्कता बरतना और भी महत्वपूर्ण है. एक अन्य अध्ययन में यह पता चला कि कोविड रोधी टीके की दूसरी खुराक के 14 या कुछ अधिक दिन बाद लगभग 100 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी बन जाती हैं. यह अध्ययन इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन और अनुसंधान संस्था इप्सोस मोरी ने किया जिसमें टीके की दोनों खुराक के महत्व को रेखांकित किया गया.

(पीटीआई-भाषा)

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