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क्रिसमस की प्रार्थना सभा में पोप ने कहा- ईश्वर सबसे बुरे व्यक्ति से भी करते हैं प्रेम

क्रिसमस की पूर्व संध्या पोप फ्रांसिस ने चर्च में प्रार्थना कर प्रभु यीशु के जन्म की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि क्रिसमस हमें याद दिलाता है कि ईश्वर सबसे बुरे व्यक्ति से भी प्यार करते हैं. इसलिए हमें भी आपसी प्रेम और सौहार्द बनाए रखना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर.

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पोप फ्रांसिस
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Published : Dec 25, 2019, 7:16 PM IST

वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस ने वेटिकन स्थित सेंट पीटर बेसिलिका चर्च में पारंपरिक क्रिसमस प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने अपने उपदेश में कहा कि किस तरह ईश्वर सबसे प्रेम करते हैं. यहां तक कि मानव जाति के सबसे बुरे व्यक्ति से भी.

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को प्रार्थना सभा के दौरान जब कैथोलिक ने प्रभु यीशु के जन्म का पुण्य स्मरण किया तो फ्रांसिस ने उनके आने के बारे में कहा, 'हमें एहसास हुआ कि जब हम ईश्वर को मापने में असफल रहे तो उन्होंने हमारे लिए छोटा रूप धारण कर लिया, जब हम सिर्फ खुद से मतलब रख रहे थे तब वह हमारे बीच आए.'

समाचार एजेंसी के अनुसार, प्रार्थना सभा का आयोजन कई साल से रात के 9:30 बजे इतालवी समय (2030 जीएमटी) पर आयोजित किया जाता है और यह मध्यरात्रि की प्रार्थना सभा की तरह नहीं, बल्कि यीशु के जन्म की घोषणा के साथ प्राचीन ग्रंथ 'कलेंडा' के पाठ के साथ उनके जन्म के साथ क्रिसमस की घोषणा की जाती है.

इसके बाद पोप फ्रांसिस ने बाल यीशु की तस्वीर से पर्दा हटाया, उसे चूमा और एक सिंहासन पर रखा. इसी के साथ घंटी बजाई गई और मसीह के जन्म की घोषणा की गई.

पढ़ें : क्रिसमस के जश्न के लिए तैयार है ईसा मसीह का जन्म स्थान बेथलहम

फ्रांसिस ने अपने पद ग्रहण करने के बाद से सातवें क्रिसमस की पूर्व संध्या पर कहा, 'उनका प्यार घटता बढ़ता नहीं है. हमने उनके प्रेम को पाने लायक कुछ नहीं किया और हम इसे कभी भी नहीं चुका पाएंगे.'

उन्होंने कहा, 'क्रिसमस हमें याद दिलाता है कि ईश्वर हम सभी से प्यार करते हैं, यहां तक कि हमारे जाति के सबसे बुरे व्यक्ति को भी.'

वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस ने वेटिकन स्थित सेंट पीटर बेसिलिका चर्च में पारंपरिक क्रिसमस प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने अपने उपदेश में कहा कि किस तरह ईश्वर सबसे प्रेम करते हैं. यहां तक कि मानव जाति के सबसे बुरे व्यक्ति से भी.

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को प्रार्थना सभा के दौरान जब कैथोलिक ने प्रभु यीशु के जन्म का पुण्य स्मरण किया तो फ्रांसिस ने उनके आने के बारे में कहा, 'हमें एहसास हुआ कि जब हम ईश्वर को मापने में असफल रहे तो उन्होंने हमारे लिए छोटा रूप धारण कर लिया, जब हम सिर्फ खुद से मतलब रख रहे थे तब वह हमारे बीच आए.'

समाचार एजेंसी के अनुसार, प्रार्थना सभा का आयोजन कई साल से रात के 9:30 बजे इतालवी समय (2030 जीएमटी) पर आयोजित किया जाता है और यह मध्यरात्रि की प्रार्थना सभा की तरह नहीं, बल्कि यीशु के जन्म की घोषणा के साथ प्राचीन ग्रंथ 'कलेंडा' के पाठ के साथ उनके जन्म के साथ क्रिसमस की घोषणा की जाती है.

इसके बाद पोप फ्रांसिस ने बाल यीशु की तस्वीर से पर्दा हटाया, उसे चूमा और एक सिंहासन पर रखा. इसी के साथ घंटी बजाई गई और मसीह के जन्म की घोषणा की गई.

पढ़ें : क्रिसमस के जश्न के लिए तैयार है ईसा मसीह का जन्म स्थान बेथलहम

फ्रांसिस ने अपने पद ग्रहण करने के बाद से सातवें क्रिसमस की पूर्व संध्या पर कहा, 'उनका प्यार घटता बढ़ता नहीं है. हमने उनके प्रेम को पाने लायक कुछ नहीं किया और हम इसे कभी भी नहीं चुका पाएंगे.'

उन्होंने कहा, 'क्रिसमस हमें याद दिलाता है कि ईश्वर हम सभी से प्यार करते हैं, यहां तक कि हमारे जाति के सबसे बुरे व्यक्ति को भी.'

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