लंदन : भारत में 10 साल की सजा काटने के लिए वांछित एक ब्रिटिश भगोड़ा व्यक्ति यहां एक उच्च न्यायालय में की गई अपील में अपने पक्ष में फैसला पाने में मंगलवार को कामयाब रहा.
उसे एक अदालत ने अप्रैल 2002 में 10 किलोग्राम भांग रखने को लेकर दोषी ठहराया था.
न्यायमूर्ति मार्टिन चैम्बरलीन ने यह फैसला सुनाया है कि उसे भारत प्रत्यर्पित करना उचित नहीं होगा क्योंकि वहां उसके आत्महत्या करने का खतरा है.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा दिया गया आश्वासन आरोपी इवोर फ्लेचर को खतरे को कम नहीं करता है और वह भरतीय जेल में भेजे जाने पर आत्महत्या कर सकता है.
फ्लेचर ने उन्हीं जेल एवं मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद ली, जिन्होंने भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामले में गवाही दी थी.
नीरव करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी है.