ETV Bharat / international

कोविड 19 के भारतीय स्वरूप को लेकर चिंतित है ब्रिटेन का स्वास्थ्य विभाग

कोरोना वायरस के भारतीय स्वरूप बी.1.617.2 को लेकर ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने चिंता व्यक्त की है. हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का बी.1.617.2 स्वरूप ब्रिटेन में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कैंट स्वरूप के मुकाबले कम संक्रामक है.

कोविड 19
कोविड 19
author img

By

Published : May 7, 2021, 7:40 PM IST

लंदन : ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने भारत में पाए गए कोरोना वायरस के तीन स्वरूप में से एक स्वरूप को लेकर चिंता व्यक्त की है.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) विभाग ने कोरोना वायरस के एक भारतीय स्वरूप बी.1.617.2 को लेकर कहा है कि यह अन्य दो स्वरूपों की अपेक्षा अधिक संक्रामक है और तेजी से फैलता है.

कोरोना वायरस के इस स्वरूप के अलावा अब तक बी.1.617 और बी.1.617.3 पर शोध चल रहा है.

पीएचई की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, बी.1.617 के 61 नमूनों समेत कुल 500 नमूनों पर शोध किया जा रहा है.

हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का बी.1.617.2 स्वरूप ब्रिटेन में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कैंट स्वरूप के मुकाबले कम संक्रामक है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात के अब तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि कोरोना वायरस के भारतीय स्वरूप पर वैक्सीन काम नहीं करेगी.

दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और भारत में पाए गए कोरोना वायरस के स्वरूपों में स्पाइक प्रोटीन में बदलाव देखने को मिला है जिसके जरिए यह मानव कोशिकाओं से जुड़ जाता है.

दरअसल, किसी भी वायरस की यह प्रकृति होती है कि वह म्यूटेंट हो कर अपने रूप और अस्तित्व को बरकरार रखे.

पढ़ें- 24 राज्यों में 15 फीसदी से अधिक है कोरोना संक्रमण दर : स्वास्थ्य मंत्रालय

भारत में कोविड-19 की दूसरी भयावह लहर के पीछे कोरोना वायरस के इसी स्वरूप को जिम्मेदार माना जा रहा है.

लंदन : ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने भारत में पाए गए कोरोना वायरस के तीन स्वरूप में से एक स्वरूप को लेकर चिंता व्यक्त की है.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) विभाग ने कोरोना वायरस के एक भारतीय स्वरूप बी.1.617.2 को लेकर कहा है कि यह अन्य दो स्वरूपों की अपेक्षा अधिक संक्रामक है और तेजी से फैलता है.

कोरोना वायरस के इस स्वरूप के अलावा अब तक बी.1.617 और बी.1.617.3 पर शोध चल रहा है.

पीएचई की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, बी.1.617 के 61 नमूनों समेत कुल 500 नमूनों पर शोध किया जा रहा है.

हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का बी.1.617.2 स्वरूप ब्रिटेन में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कैंट स्वरूप के मुकाबले कम संक्रामक है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात के अब तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि कोरोना वायरस के भारतीय स्वरूप पर वैक्सीन काम नहीं करेगी.

दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और भारत में पाए गए कोरोना वायरस के स्वरूपों में स्पाइक प्रोटीन में बदलाव देखने को मिला है जिसके जरिए यह मानव कोशिकाओं से जुड़ जाता है.

दरअसल, किसी भी वायरस की यह प्रकृति होती है कि वह म्यूटेंट हो कर अपने रूप और अस्तित्व को बरकरार रखे.

पढ़ें- 24 राज्यों में 15 फीसदी से अधिक है कोरोना संक्रमण दर : स्वास्थ्य मंत्रालय

भारत में कोविड-19 की दूसरी भयावह लहर के पीछे कोरोना वायरस के इसी स्वरूप को जिम्मेदार माना जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.