साराजेवो : यूरोपीय संघ (ईयू) के विभिन्न देशों में पिछले महीने से जहां हजारों लोग कोरोना वायरस का टीका लेने के लिए उत्साहित हैं, वहीं महादेश का एक क्षेत्र (बाल्कन) अपने को अलग थलग महसूस कर रहा है.
बाल्कन क्षेत्र के देशों को कोविड-19 टीकों तक पहुंच के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है. इन देशों में राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान की शुरुआत के लिए कोई ठोस समयसीमा नहीं दिख रही है.
मौजूदा स्थिति से ही स्पष्ट है कि अल्बानिया, बोस्निया, कोसोवो, मोंटेनेग्रो, उत्तरी मेसेडोनिया और सर्बिया कोरोना वायरस टीकाकरण मामले में यूरोपीय संघ के 27 देशों और ब्रिटेन से बहुत पीछे रह जाएंगे। इन बाल्कन देशों में करीब दो करोड़ रहते हैं.
उत्तरी मेसेडोनिया के महामारी विशेषज्ञ ड्रेगन डेनिलोव्स्की ने बाल्कन देशों की मौजूदा टीका स्थिति की तुलना 1911 के टाइटैनिक जहाज के डूबने के दौरान देखी गई असमानताओं से की.
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उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, 'अमीरों ने सभी उपलब्ध लाइफबोट ले लिए और दुर्भाग्यशाली लोगों को छोड़ दिया.'
पूरी दुनिया जब सदी के सबसे गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना कर रही है, बाल्कन देशों में ऐसी भावना मुखर हो रही है. बाल्कन क्षेत्र के देश ईयू में शामिल होना चाहते हैं लेकिन वे अब तक संगठन का हिस्सा नहीं बन पाए हैं. यह क्षेत्र पश्चिम और रूसी प्रभाव के बीच फंसा प्रतीत होता है.
कई बाल्कन देशों को विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैश्विक चैरिटी समूहों द्वारा स्थापित टीका खरीद एजेंसी कोवैक्स से उम्मीदें हैं, जो टीका वितरण की बढ़ती असमानताओं को दूर करने के लिए है. कोवैक्स ने कई प्रस्तावित टीकों के लिए करार किए हैं, लेकिन यह शुरूआत में किसी देश की 20 प्रतिशत आबादी को ही उपलब्ध करा सकेगा.