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प्रत्यर्पण के खिलाफ नीरव मोदी की अपील पर अदालत में सुनवाई का इंतजार

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Published : May 9, 2021, 10:27 PM IST

भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने लंदन के उच्च न्यायालय में प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील के लिए अर्जी दाखिल की है. क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) ने पुष्टि की है कि एक अपील दाखिल की गयी है लेकिन उच्च न्यायालय के किस न्यायाधीश के सामने इस पर सुनवाई होगी, यह तय नहीं हुआ है.

नीरव मोदी
नीरव मोदी

लंदन : भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने लंदन के उच्च न्यायालय में प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील के लिए अर्जी दाखिल की है. ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने पिछले महीने नीरव के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया था.

क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) ने पुष्टि की है कि एक अपील दाखिल की गयी है लेकिन उच्च न्यायालय के किस न्यायाधीश के सामने इस पर सुनवाई होगी, यह तय नहीं हुआ है.

लंदन में अदालत के प्रशासनिक खंड ने इस सप्ताह बताया था, 'मामले पर विचार के लिए दस्तावेज को न्यायाधीश के पास नहीं भेजा गया है.'

सबसे पहले उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपील के लिए दाखिल दस्तावेजों के आधार पर फैसला करेंगे और फिर तय करेंगे कि गृह मंत्री या वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेटी अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने का क्या कोई आधार है.

मजिस्ट्रेटी अदालत ने पंजाब बैंक से दो अरब डॉलर डॉलर की धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए नीरव मोदी को भारत भेजे जाने का फैसला दिया था.

बचाव पक्ष की टीम अपने मामले में मौखिक सुनवाई का अनुरोध कर सकती है. इससे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया के लिए कोई समय निर्धारित नहीं है और इसमें महीनों लग सकते हैं.

पढ़ें - सादिक खान ने दूसरी बार लंदन के महापौर का चुनाव जीता

सीपीएस के प्रवक्ता ने कहा था, 'हम प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क्या वे अपील की मंजूरी के लिए अर्जी देंगे. अगर उन्हें अपील दाखिल करने की अनुमति दी गयी तो हम भारत सरकार की ओर से अपील की सुनवाई के खिलाफ अर्जी देंगे.'

नीरव मोदी 19 मार्च 2019 को अपनी गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन में वंड्सवर्थ जेल में है.

लंदन : भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने लंदन के उच्च न्यायालय में प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील के लिए अर्जी दाखिल की है. ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने पिछले महीने नीरव के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया था.

क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) ने पुष्टि की है कि एक अपील दाखिल की गयी है लेकिन उच्च न्यायालय के किस न्यायाधीश के सामने इस पर सुनवाई होगी, यह तय नहीं हुआ है.

लंदन में अदालत के प्रशासनिक खंड ने इस सप्ताह बताया था, 'मामले पर विचार के लिए दस्तावेज को न्यायाधीश के पास नहीं भेजा गया है.'

सबसे पहले उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपील के लिए दाखिल दस्तावेजों के आधार पर फैसला करेंगे और फिर तय करेंगे कि गृह मंत्री या वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेटी अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने का क्या कोई आधार है.

मजिस्ट्रेटी अदालत ने पंजाब बैंक से दो अरब डॉलर डॉलर की धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए नीरव मोदी को भारत भेजे जाने का फैसला दिया था.

बचाव पक्ष की टीम अपने मामले में मौखिक सुनवाई का अनुरोध कर सकती है. इससे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया के लिए कोई समय निर्धारित नहीं है और इसमें महीनों लग सकते हैं.

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सीपीएस के प्रवक्ता ने कहा था, 'हम प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क्या वे अपील की मंजूरी के लिए अर्जी देंगे. अगर उन्हें अपील दाखिल करने की अनुमति दी गयी तो हम भारत सरकार की ओर से अपील की सुनवाई के खिलाफ अर्जी देंगे.'

नीरव मोदी 19 मार्च 2019 को अपनी गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन में वंड्सवर्थ जेल में है.

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