लंदन : अमेरिका के मिनियापोलिस शहर में गत माह अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद दुनिया के कुछ हिस्सों की तरह लंदन में भी उबाल है, जहां नस्लवाद और पुलिस की क्रूरता के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले कई दिनों में कम से कम 23 पुलिस अधिकारी घायल हो गए. एक पुलिस अधीक्षक जो एडवर्ड्स ने यह जानकारी दी.
कोरोना वायरस महामारी के बावजूद मध्य लंदन की सड़कों पर शनिवार को हजारों लोगों ने मार्च निकाला. उन्होंने पुलिस अधिकारियों की इस अपील की भी परवाह नहीं की कि संक्रमण के फैलाव से बचने के लिए वे एक जगह एकत्र न हों.
एडवर्ड्स ने कहा, 'हम समझते हैं कि लोगों के जुनून को आने दिया जाए और उनकी आवाज सुनी जाए, उन्होंने बिना किसी घटना के बड़े पैमाने पर विरोध किया. हमारे अधिकारी पेशेवर और बहुत संयमित रहे हैं. लेकिन एक छोटा समूह था, जिसने पुलिस अधिकारियों के प्रति हिंसा पर उतारू था.'
लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान के हवाले से एडवर्ड्स ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन में ड्यूटी के दौरान 23 पुलिस अधिकारियों को चोटें आई हैं और यह अस्वीकार्य है.'
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एडवर्ड्स के अनुसार, शनिवार के मार्च के दौरान 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए और 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
गौरतलब है कि गत 25 मई को फ्लॉयड की मौत ने पुलिस की क्रूरता, नस्लवाद और सामाजिक अन्याय के खिलाफ दुनियाभर में आंदोलन छेड़ दिया है. एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने अश्वेत फ्लॉयड की गिरफ्तारी के बाद उसकी गर्दन को काफी देर तक अपने घुटने से दबा रखा था. बाद में जॉर्ज की मौत हो गई थी. संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा, ग्रीस, इटली, यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अन्य देशों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं.