न्यूयॉर्क : एक ओर कोरोना वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया उम्मीदें लगाकर बैठी है, तो दूसरी ओर वैक्सीन के ट्रायल में जुटे जॉक्टरों और वैज्ञानिकों के लिए चुनौतियां भी कम नहीं हो रहीं. ब्रिटेन की प्रमुख दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया है. वैक्सीन लेने वाले एक उम्मीदवार पर इसके साइड इफेक्ट के बाद ट्रायल को रोकना पड़ा.
मंगलवार शाम जारी एक बयान में, कंपनी ने टीकाकरण को अस्थायी रूप से रोकने की बात कही है. परीक्षण ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में किया जा रहा है.
हालांकि एस्ट्राजेनेका ने इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. कंपनी ने इस साइड इफेक्ट को एक अस्पष्ट बीमारी बताया है.
कंपनी ने कहा कि ट्रायल टाइमलाइन पर किसी भी तरह के संभावित प्रभाव को कम करने के लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं.
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वॉशिंगटन के शोधकर्ता डेबोरा फुलर ने कहा कि इस बात की संभावना है कि अस्पष्ट बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत थी. यह हल्के दुष्प्रभाव यानी, मांसपेशियों में दर्द या फिर बुखार जैसा नहीं था.
बता दें फुलर किसी अलग कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिसका अभी मानव परीक्षण भी शुरू नहीं हुआ है.
फुलर ने आगे कहा कि यह चिंताजनक नहीं है. इसकी बजाय कंपनी यह अध्ययन करने के लिए रुकी हुई है कि क्या हो रहा है और अध्ययन के लिए उम्मीदवारों के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है.
ब्राउन यूनिवर्सिटी के डॉ आशीष झा ने ट्विटर के माध्यम से कहा कि आने वाले महीनों में एक प्रभावी टीका मिल जाएगा. चलिए विज्ञान को यह काम करने दें.
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न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक वायरोलॉजिस्ट एंजेला रासमुसेन ने ट्वीट किया कि यह बीमारी वैक्सीन से असंबंधित हो सकती है, लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि हम आम जनता के लिए एक वैक्सीन लाने से पहले इसका परीक्षण करते हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टीके के प्रभावी और सुरक्षित साबित होने से पहले अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन को एक टीके को मंजूरी देने के लिए दबाव डालेंगे.
गौरतलब है कि अमेरिका ने कोविड-19 के खिलाफ कई टीके जल्दी विकसित करने के प्रयासों में अरबों डॉलर का निवेश किया है लेकिन जनता को डर है कि टीका असुरक्षित हो सकता है.
एफडीए के प्रतिनिधियों ने मंगलवार शाम टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया.