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संविधान के उल्लंघन के लिए अलबानिया की संसद ने राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया

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Published : Jun 9, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Jun 9, 2021, 9:36 PM IST

अल्बानिया के राष्ट्रपति को संविधान का उल्लंघन करने के लिए पद से हचा दिया गया है. राष्ट्रपति इलिर मेटा ने अल्बानिया के 25 अप्रैल के आम चुनाव से पहले संविधान के 16 अनुच्छेदों का उल्लंघन किया था.

अल्बानिया के राष्ट्रपति
अल्बानिया के राष्ट्रपति

तिराना : अलबानिया की संसद ने राष्ट्रपति इलिर मेता पर संविधान के उल्लंघन के लिए बुधवार को महाभियोग चलाया और उन्हें पद से हटा दिया.

संसद के एक विशेष सत्र के दौरान राष्ट्रपति को पद से हटाने के समर्थन में 104 मत पड़े जबकि विरोध में सात वोट पड़े और तीन सांसद अनुपस्थित रहे. अलबानिया की संसदीय अदालत से तीन महीने के अंदर अंतिम मंजूरी मिल गई.

संसदीय जांच की एक रिपोर्ट में कहा गया कि मेता ने 25 अप्रैल के संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ सोशलिस्ट के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैये के साथ संविधान का उल्लंघन किया. रिपोर्ट में कहा गया कि मेता ने 16 अनुच्छेदों का उल्लंघन किया और हिंसा को भड़काया.

पढ़ें :- फ्रांस के राष्ट्रपति को थप्पड़ जड़ने के मामले में दो गिरफ्तार

मेता का पद मुख्यत: रस्मी और गैर राजनीतिक है. उन्होंने प्रधानमंत्री इदी रामा पर सभी विधायी, प्रशासनिक एवं न्यायिक शक्तियां अपने हाथों तक सीमित रखने के आरोप लगाए थे.

अप्रैल के अंत में, सोशलिस्ट पार्टी के 49 सांसदों ने जांच समिति गठित करने के लिए कहा था.

(एपी)

तिराना : अलबानिया की संसद ने राष्ट्रपति इलिर मेता पर संविधान के उल्लंघन के लिए बुधवार को महाभियोग चलाया और उन्हें पद से हटा दिया.

संसद के एक विशेष सत्र के दौरान राष्ट्रपति को पद से हटाने के समर्थन में 104 मत पड़े जबकि विरोध में सात वोट पड़े और तीन सांसद अनुपस्थित रहे. अलबानिया की संसदीय अदालत से तीन महीने के अंदर अंतिम मंजूरी मिल गई.

संसदीय जांच की एक रिपोर्ट में कहा गया कि मेता ने 25 अप्रैल के संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ सोशलिस्ट के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैये के साथ संविधान का उल्लंघन किया. रिपोर्ट में कहा गया कि मेता ने 16 अनुच्छेदों का उल्लंघन किया और हिंसा को भड़काया.

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मेता का पद मुख्यत: रस्मी और गैर राजनीतिक है. उन्होंने प्रधानमंत्री इदी रामा पर सभी विधायी, प्रशासनिक एवं न्यायिक शक्तियां अपने हाथों तक सीमित रखने के आरोप लगाए थे.

अप्रैल के अंत में, सोशलिस्ट पार्टी के 49 सांसदों ने जांच समिति गठित करने के लिए कहा था.

(एपी)

Last Updated : Jun 9, 2021, 9:36 PM IST
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