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चीन और फ्रांस के राष्ट्रपति के बीच फोन पर बात, आपसी सहयोग मजबूत करने पर जोर

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी संबंध मजबूत करने पर सहमति जताई.

शी और मैक्रों
शी और मैक्रों
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Published : Dec 10, 2020, 8:59 PM IST

बीजिंग : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों ने टेलीफोन पर बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने अगले चरण में चीन-फ्रांस सहयोग को बढ़ाने और मजबूत करने पर सहमति जताई.

इस दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता के बीच दुनिया प्रमुख देशों की जिम्मेदारियां अधिक बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा कि चीन और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना स्वतंत्रता, आपसी समझ, दूरदर्शिता और पारस्परिक लाभ के लिए अहम हैं.

शिन्हुआ ने बताया कि बहुपक्षवाद को बनाए रखने, यूएन के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की रक्षा करने और सम्मेलन के आधार पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कायम रखने के लिए दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सहमति बनी है.

बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को अपनी मूल आकांक्षा पर खरा उतरना चाहिए, सर्वसम्मति का पालन करना चाहिए, चीन-फ्रांस संबंधों के स्टीयरिंग व्हील को मजबूती से पकड़ना चाहिए, एक्सचेंजों को मजबूत करना चाहिए.

इसके अलावा दोनों देशों को आपसी सहयोग को गहरा करना चाहिए, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर संचार और समन्वय बनाए रखना चाहिए. शी ने जोर देकर कहा कि चीन को अपने पथ, सिद्धांत, प्रणाली और संस्कृति पर पूरा भरोसा है और वह अन्य देशों के लोगों द्वारा स्वतंत्र रूप से चुने गए विकास के रास्ते का सम्मान करता है.

उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक व्यवस्था वाले देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं, सएक दूसरे के अस्तित्व का शांति से पालन कर सकते हैं और सामान्य विकास चाहते हैं. उन्होंने इंगित करते हुए कहा कि नई परिस्थितियों में चीन-यूरोपीय संघ का सहयोग अधिक वैश्विक और सामरिक महत्व प्राप्त कर रहा है.

चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति कैसे बदलती है, चीन-यूरोपीय संघ के संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और उम्मीद करता है कि ईयू चीन के प्रति सकारात्मक नीति लागू करेगा.

उन्होंने चीन-यूरोपीय संघ के निवेश समझौते पर वार्ता को गति देने, पर्यावरण और जलवायु पर चीन-यूरोपीय संघ के उच्च-स्तरीय संवाद के साथ-साथ डिजिटल सहयोग को सफल बनाने और चीन-यूरोपीय संघ के संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के संयुक्त प्रयासों का भी आह्वान किया.

पढ़ें - चीन ने नए प्रतिबंधों और ताइवान को हथियारों की बिक्री पर अमेरिका की आलाेचना की

वहीं दूसरी ओर मैक्रों ने कहा कि फ्रांस और चीन ने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग किया है और सभी क्षेत्रों में एक्सचेंज और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया है.

अपनी पारंपरिक विदेश नीति के मुताबिक फ्रांस, चीन के साथ संबंधों को विकसित करने को बहुत महत्व देता है और चीन के साथ द्विपक्षीय सहयोग और यूरोपीय संघ और चीन के बीच सहयोग को गहरा करने के लिए काम करने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूरोपीय संघ-चीन के साथ निवेश समझौते पर जल्द से जल्द फैसला लेगा.

इस बीच फ्रांस ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को लेकर चीन के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की. साथ ही कोविड -19 के टीके विकसित करने और ऋण को राहत देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए इसका समर्थन को सराहा.

मैक्रों ने कहा कि फ्रांस जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग जैसे प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चीन के साथ समन्वय और सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार है और वह फिर से चीन का दौरा करने की उम्मीद करता है.

बीजिंग : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों ने टेलीफोन पर बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने अगले चरण में चीन-फ्रांस सहयोग को बढ़ाने और मजबूत करने पर सहमति जताई.

इस दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता के बीच दुनिया प्रमुख देशों की जिम्मेदारियां अधिक बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा कि चीन और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना स्वतंत्रता, आपसी समझ, दूरदर्शिता और पारस्परिक लाभ के लिए अहम हैं.

शिन्हुआ ने बताया कि बहुपक्षवाद को बनाए रखने, यूएन के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की रक्षा करने और सम्मेलन के आधार पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कायम रखने के लिए दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सहमति बनी है.

बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को अपनी मूल आकांक्षा पर खरा उतरना चाहिए, सर्वसम्मति का पालन करना चाहिए, चीन-फ्रांस संबंधों के स्टीयरिंग व्हील को मजबूती से पकड़ना चाहिए, एक्सचेंजों को मजबूत करना चाहिए.

इसके अलावा दोनों देशों को आपसी सहयोग को गहरा करना चाहिए, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर संचार और समन्वय बनाए रखना चाहिए. शी ने जोर देकर कहा कि चीन को अपने पथ, सिद्धांत, प्रणाली और संस्कृति पर पूरा भरोसा है और वह अन्य देशों के लोगों द्वारा स्वतंत्र रूप से चुने गए विकास के रास्ते का सम्मान करता है.

उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक व्यवस्था वाले देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं, सएक दूसरे के अस्तित्व का शांति से पालन कर सकते हैं और सामान्य विकास चाहते हैं. उन्होंने इंगित करते हुए कहा कि नई परिस्थितियों में चीन-यूरोपीय संघ का सहयोग अधिक वैश्विक और सामरिक महत्व प्राप्त कर रहा है.

चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति कैसे बदलती है, चीन-यूरोपीय संघ के संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और उम्मीद करता है कि ईयू चीन के प्रति सकारात्मक नीति लागू करेगा.

उन्होंने चीन-यूरोपीय संघ के निवेश समझौते पर वार्ता को गति देने, पर्यावरण और जलवायु पर चीन-यूरोपीय संघ के उच्च-स्तरीय संवाद के साथ-साथ डिजिटल सहयोग को सफल बनाने और चीन-यूरोपीय संघ के संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के संयुक्त प्रयासों का भी आह्वान किया.

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वहीं दूसरी ओर मैक्रों ने कहा कि फ्रांस और चीन ने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग किया है और सभी क्षेत्रों में एक्सचेंज और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया है.

अपनी पारंपरिक विदेश नीति के मुताबिक फ्रांस, चीन के साथ संबंधों को विकसित करने को बहुत महत्व देता है और चीन के साथ द्विपक्षीय सहयोग और यूरोपीय संघ और चीन के बीच सहयोग को गहरा करने के लिए काम करने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूरोपीय संघ-चीन के साथ निवेश समझौते पर जल्द से जल्द फैसला लेगा.

इस बीच फ्रांस ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को लेकर चीन के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की. साथ ही कोविड -19 के टीके विकसित करने और ऋण को राहत देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए इसका समर्थन को सराहा.

मैक्रों ने कहा कि फ्रांस जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग जैसे प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चीन के साथ समन्वय और सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार है और वह फिर से चीन का दौरा करने की उम्मीद करता है.

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