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पाकिस्तान : पेशावर की सुनहरी मस्जिद में महिलाएं फिर अदा कर सकेंगी नमाज - सुनहरी मस्जिद में महिलाएं अदा कर सकती हैं नमाज

पाकिस्तान के पेशावर में 23 साल की पाबंदी के बाद प्रसिद्ध सुनहरी मस्जिद में महिलाएं फिर से नमाज अदा कर सकेंगी. महिलाओं के लिए मस्जिद के ऊपरी तल पर हॉल में जुमे की नमाज अदा करने की व्यवस्था की गई है.

सुनहरी मस्जिद
सुनहरी मस्जिद
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Published : Mar 7, 2020, 10:48 PM IST

पेशावर : पाकिस्तान के पेशावर में 23 साल की पाबंदी के बाद प्रसिद्ध सुनहरी मस्जिद में महिलाएं फिर से नमाज अदा कर सकेंगी. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई.

डॉन न्यूज की खबर के अनुसार मस्जिद प्रशासन द्वारा इस कदम का एलान करने के बाद करीब 20 महिलाओं ने जुमे की नमाज अदा की.

महिलाओं के लिए मस्जिद के ऊपरी तल पर हॉल में जुमे की नमाज अदा करने की व्यवस्था की गई है. मस्जिद प्रशासन के बैनर पर ऐसा लिखा गया है. महिलाओं को ईद की नमाज की भी इजाजत होगी.

मस्जिद के नायब इमाम मुहम्मद इस्माइल ने कहा कि 1996 तक महिलाओं को जुमे की नमाज पढ़ने की इजाजत थी, लेकिन बढ़ते आतंकवाद के चलते उनके ऐसा करने पर रोक लगा दी गई.

डॉन न्यूज ने इस्माइल के हवाले से कहा गया, 'अब हमने ऊपरी हिस्से को फिर खोल दिया है ताकि महिलाएं पुरुषों के साथ पृथक खंड में जुमे की नमाज अदा कर सकें. वे खुतबा भी सुन सकती हैं.'

पढ़ें- कोरोना : सऊदी अरब ने इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल को 'रोगाणुनाशन' के लिए खाली कराया

जुमे की नमाज अदा करने वाली 45 वर्षीय कौसर शाह ने कहा, 'मैं वाकई खुश हूं और यह वाकई एक अच्छा फैसला है. हमें आशा है कि मस्जिद प्रशासन महिलाओं को नियमित रूप से भी इजाजत देगा.'

पेशावर : पाकिस्तान के पेशावर में 23 साल की पाबंदी के बाद प्रसिद्ध सुनहरी मस्जिद में महिलाएं फिर से नमाज अदा कर सकेंगी. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई.

डॉन न्यूज की खबर के अनुसार मस्जिद प्रशासन द्वारा इस कदम का एलान करने के बाद करीब 20 महिलाओं ने जुमे की नमाज अदा की.

महिलाओं के लिए मस्जिद के ऊपरी तल पर हॉल में जुमे की नमाज अदा करने की व्यवस्था की गई है. मस्जिद प्रशासन के बैनर पर ऐसा लिखा गया है. महिलाओं को ईद की नमाज की भी इजाजत होगी.

मस्जिद के नायब इमाम मुहम्मद इस्माइल ने कहा कि 1996 तक महिलाओं को जुमे की नमाज पढ़ने की इजाजत थी, लेकिन बढ़ते आतंकवाद के चलते उनके ऐसा करने पर रोक लगा दी गई.

डॉन न्यूज ने इस्माइल के हवाले से कहा गया, 'अब हमने ऊपरी हिस्से को फिर खोल दिया है ताकि महिलाएं पुरुषों के साथ पृथक खंड में जुमे की नमाज अदा कर सकें. वे खुतबा भी सुन सकती हैं.'

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जुमे की नमाज अदा करने वाली 45 वर्षीय कौसर शाह ने कहा, 'मैं वाकई खुश हूं और यह वाकई एक अच्छा फैसला है. हमें आशा है कि मस्जिद प्रशासन महिलाओं को नियमित रूप से भी इजाजत देगा.'

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