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इंजीनियरिंग सेक्टर में महिलाओं की भूमिका बढ़ी! , ब्रिटेन की संस्था ने शुरू की नई पहल

कोरोना महामारी ने लाखों-करोड़ों लोगों की नौकरियां छीन लीं, यह दौर महिलाओं के लिए काफी चुनौतिपूर्ण रहा है. खासकर इंजीनियरिंग सेक्टर में महिलाओं को घर के काम के साथ ऑफिस का अतिरिक्त काम झेलना पड़ा. इस दौरान लाखों इंजीनियरिंग महिलाओं की नौकरी चली गई. रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग ने महिला की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए नई पहल शुरू की है. जिससे महिलाओं की इंजीनियरिंग सेक्टर के साथ अन्य सेक्टर में अधिक से अधिक भागीदारी हो सके.

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Published : Jul 4, 2021, 6:53 PM IST

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना महामारी की वजह से लाखों इंजीनियरिंग महिलाओं की नौकरी चली गई है. इन सबके बीच रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के सीईओ हयातुन सिलेम का मानना है कि इंजीनियरिंग सेक्टर में महिलाओं को पुरुषों के समान प्रतिनिधित्व होना चाहिए. इसके लिए उन्होंने कैंपेन भी शुरू किया है.

इंजीनियरिंग सेक्टर अब 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' के दिन 'इंजीनियर्स डे' मनाता है. यह दिन महिला इंजीनियरों की उपलब्धियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. शोध से पता चला यह कि ब्रिटेन में, इंजीनियरिंग सेक्टर में महज 14.5% महिलाएं काम करती है, जो उम्मीदों के मुताबकि बेहद कम है.

रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के सीईओ हयातुन सिलेम का मानना है कि इंजीनियरिंग सेक्टर में अधिक से अधिक महिलाओं की प्रतिनिधित्व की जरूरत है, ताकि यह सेक्टर उस समाज को अधिक बारीकी से 'प्रतिबिंबित करे, जिसकी वह सेवा करता है. आपको बता दें कि सिलेम इंजीनियरिंग सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो. इसकी वकालत कर रहे हैं.

इंजीनियर्स हमारी दुनिया को आकार देते है. वे भौतिक बुनियादी ढांचे का डिजाइन और निर्माण करते हैं, जो हमारे शहरों, घरों और परिवहन नेटवर्क को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इंजीनियर डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करते हैं, यह हमारे जीवन को शक्ति प्रदान करते हैं, जिसमें संचार उपकरण भी शामिल हैं, जिन पर हमने कोरोना महामारी के दौरान बहुत अधिक भरोसा किया है. बायोमेडिकल साइंस में प्रगति के लाभों में मध्यस्थता करते हैं, ताकि वैक्सीन का निर्माण व्यापक स्तर पर हो सकें. इसके अलावा वैक्सीन को समाज के हर तबके तक पहुंचाने में भी भूमिका निभाते हैं.

ब्रिटेन में इंजीनियरिंग सेक्टर में महज 14.5% महिलाएं
ब्रिटेन जैसे विकसित देश में इंजीनियरिंग सेक्टर में महज 14.5% महिलाएं काम करती हैं. 2020 में महिलाओं ने क्रमशः इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान डिग्री के लिए क्रमश: 18% और 16% दाखिला लिया. यह बहुत ही निराशाजनक है. वर्तमान की प्रगित देखते हुए इंजीनियरिंग सेक्टर में प्रवेश लेने वालों के बीच लैंगिक समानता 2085 तक नहीं हासिल की जा सकती है. कोरोना महामारी का यह दौर महिलाओं के लिए अधिक चुनौतिपूर्ण साबित हो रहा है. महामारी के वजह से इंजीनियरिंग सेक्टर में महिलाओं को नौकरी होने की ज्यादा संभावना है.

तकनीक में महिलाओं को महामारी ने कैसे प्रभावित किया

  • अधिक ओवरटाइम काम करना.
  • अधिक काम की जिम्मेदारियां
  • बच्चों को संभालने का बोझ
  • काम से निकाल दिया गया
  • एक नया व्यवसाय शुरू करना पड़ा

महिलाओं की इंजीनियरिंग सेक्टर में अधिक से अधिक भागीदारी हो इसके लिए रॉयल एकेडमी कैंपेन चला है. एकेडमी का उद्देश्य है कि पुरानी परिपाटी को उलट देना है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इंजीनियरिंग पेशा पुरुषों के लिए है. इसके लिए एकेडमी ने अमेज़ॅन और बीकमिंगएक्स के साथ मिलकर काम कर रही है.

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना महामारी की वजह से लाखों इंजीनियरिंग महिलाओं की नौकरी चली गई है. इन सबके बीच रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के सीईओ हयातुन सिलेम का मानना है कि इंजीनियरिंग सेक्टर में महिलाओं को पुरुषों के समान प्रतिनिधित्व होना चाहिए. इसके लिए उन्होंने कैंपेन भी शुरू किया है.

इंजीनियरिंग सेक्टर अब 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' के दिन 'इंजीनियर्स डे' मनाता है. यह दिन महिला इंजीनियरों की उपलब्धियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. शोध से पता चला यह कि ब्रिटेन में, इंजीनियरिंग सेक्टर में महज 14.5% महिलाएं काम करती है, जो उम्मीदों के मुताबकि बेहद कम है.

रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के सीईओ हयातुन सिलेम का मानना है कि इंजीनियरिंग सेक्टर में अधिक से अधिक महिलाओं की प्रतिनिधित्व की जरूरत है, ताकि यह सेक्टर उस समाज को अधिक बारीकी से 'प्रतिबिंबित करे, जिसकी वह सेवा करता है. आपको बता दें कि सिलेम इंजीनियरिंग सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो. इसकी वकालत कर रहे हैं.

इंजीनियर्स हमारी दुनिया को आकार देते है. वे भौतिक बुनियादी ढांचे का डिजाइन और निर्माण करते हैं, जो हमारे शहरों, घरों और परिवहन नेटवर्क को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इंजीनियर डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करते हैं, यह हमारे जीवन को शक्ति प्रदान करते हैं, जिसमें संचार उपकरण भी शामिल हैं, जिन पर हमने कोरोना महामारी के दौरान बहुत अधिक भरोसा किया है. बायोमेडिकल साइंस में प्रगति के लाभों में मध्यस्थता करते हैं, ताकि वैक्सीन का निर्माण व्यापक स्तर पर हो सकें. इसके अलावा वैक्सीन को समाज के हर तबके तक पहुंचाने में भी भूमिका निभाते हैं.

ब्रिटेन में इंजीनियरिंग सेक्टर में महज 14.5% महिलाएं
ब्रिटेन जैसे विकसित देश में इंजीनियरिंग सेक्टर में महज 14.5% महिलाएं काम करती हैं. 2020 में महिलाओं ने क्रमशः इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान डिग्री के लिए क्रमश: 18% और 16% दाखिला लिया. यह बहुत ही निराशाजनक है. वर्तमान की प्रगित देखते हुए इंजीनियरिंग सेक्टर में प्रवेश लेने वालों के बीच लैंगिक समानता 2085 तक नहीं हासिल की जा सकती है. कोरोना महामारी का यह दौर महिलाओं के लिए अधिक चुनौतिपूर्ण साबित हो रहा है. महामारी के वजह से इंजीनियरिंग सेक्टर में महिलाओं को नौकरी होने की ज्यादा संभावना है.

तकनीक में महिलाओं को महामारी ने कैसे प्रभावित किया

  • अधिक ओवरटाइम काम करना.
  • अधिक काम की जिम्मेदारियां
  • बच्चों को संभालने का बोझ
  • काम से निकाल दिया गया
  • एक नया व्यवसाय शुरू करना पड़ा

महिलाओं की इंजीनियरिंग सेक्टर में अधिक से अधिक भागीदारी हो इसके लिए रॉयल एकेडमी कैंपेन चला है. एकेडमी का उद्देश्य है कि पुरानी परिपाटी को उलट देना है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इंजीनियरिंग पेशा पुरुषों के लिए है. इसके लिए एकेडमी ने अमेज़ॅन और बीकमिंगएक्स के साथ मिलकर काम कर रही है.

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