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पूर्वी म्यांमार में सेना के हवाई हमले के बाद हिंसा गहराई

म्यांमार में सैन्य तख्तपलट के बाद से हिंसा जारी है. हालांकि मंगलवार को हुए एक हवाई हमले के बाद हिंसा बढ़ गई है. बता दें कि म्यांमार की दमनकारी सेना के साथ संघर्ष में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

airstrikes in eastern Myanmar
airstrikes in eastern Myanmar
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Published : Mar 31, 2021, 6:49 AM IST

मेई सैम लीप (थाईलैंड) : म्यांमार की सेना ने देश के पूर्वी हिस्से पर मंगलवार को और हवाई हमले किए जिसके बाद हिंसा की स्थिति और गहरा गई. हमलों के बाद करेन जातीय अल्पसंख्यक के हजारों लोग सीमा पार करके शरण के लिए थाईलैंड पहुंचे.

थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चन-ओचा ने इस बात से इनकार किया है कि उनके देश के सुरक्षा बलों ने सप्ताहांत में हवाई हमलों के बाद भाग कर आए लोगों को वापस म्यांमार जाने को मजबूर किया है. उन्होंने कहा कि वे अपनी मर्जी से अपने घर लौटे.

हालांकि पूर्वी म्यांमार की स्थिति काफी खतरनाक हो रही है.वहां पर करेन अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाली मुख्य राजनीतिक निकाय 'करेन नेशनल यूनियन' (केएनयू) के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख सॉ तॉ नी ने बताया कि मंगलवार को किए गए हवाई हमलों में छह नागरिकों की मौत हुई है और 11 जख्मी हुए हैं.

म्यांमार की सेना के हमले के चलते केएनयू ने अपनी एक सशस्त्र इकाई के जरिए बयान जारी करके कहा कि 'सेना सभी मोर्चों से हमारे क्षेत्र की ओर बढ़ रही है' और उसने मुकाबला करने का संकल्प लिया है.

पढ़ें-मणिपुर सरकार ने म्यांमार से आ रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए दिया आदेश वापस लिया

म्यांमार की सेना ने फरवरी में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर दिया था जिसके बाद देश भर में प्रदर्शन शुरू हो गए थे जिनमें कम से कम 510 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है.

म्यांमार के 'असिसटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रीजनर्स' के मुताबिक, मृतक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है और 2574 लोगों को हिरासत में लिया गया है.शनिवार को 100 से अधिक लोगों की मौत के बावजूद मंगलवार को प्रदर्शन जारी रहा.

मेई सैम लीप (थाईलैंड) : म्यांमार की सेना ने देश के पूर्वी हिस्से पर मंगलवार को और हवाई हमले किए जिसके बाद हिंसा की स्थिति और गहरा गई. हमलों के बाद करेन जातीय अल्पसंख्यक के हजारों लोग सीमा पार करके शरण के लिए थाईलैंड पहुंचे.

थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चन-ओचा ने इस बात से इनकार किया है कि उनके देश के सुरक्षा बलों ने सप्ताहांत में हवाई हमलों के बाद भाग कर आए लोगों को वापस म्यांमार जाने को मजबूर किया है. उन्होंने कहा कि वे अपनी मर्जी से अपने घर लौटे.

हालांकि पूर्वी म्यांमार की स्थिति काफी खतरनाक हो रही है.वहां पर करेन अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाली मुख्य राजनीतिक निकाय 'करेन नेशनल यूनियन' (केएनयू) के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख सॉ तॉ नी ने बताया कि मंगलवार को किए गए हवाई हमलों में छह नागरिकों की मौत हुई है और 11 जख्मी हुए हैं.

म्यांमार की सेना के हमले के चलते केएनयू ने अपनी एक सशस्त्र इकाई के जरिए बयान जारी करके कहा कि 'सेना सभी मोर्चों से हमारे क्षेत्र की ओर बढ़ रही है' और उसने मुकाबला करने का संकल्प लिया है.

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म्यांमार की सेना ने फरवरी में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर दिया था जिसके बाद देश भर में प्रदर्शन शुरू हो गए थे जिनमें कम से कम 510 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है.

म्यांमार के 'असिसटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रीजनर्स' के मुताबिक, मृतक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है और 2574 लोगों को हिरासत में लिया गया है.शनिवार को 100 से अधिक लोगों की मौत के बावजूद मंगलवार को प्रदर्शन जारी रहा.

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