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चीन की हिदायत- राजनयिकों के निष्कासन की अपनी गलती सुधारे अमेरिका

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा है कि अमेरिका राजनयिकों के निष्कासन की गलती सुधारे और चीन के राजनयिकों के हितों और कानून में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करे.

गेंग शुआंग ( फाइल फोटो)
गेंग शुआंग ( फाइल फोटो)
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Published : Dec 16, 2019, 8:08 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 8:36 PM IST

बीजिंग : चीन ने अमेरिका से अपने राजनयिकों के निष्कासन को गलत ठहराते हुए सोमवार को उसे हिदायत दी कि वह अपनी गलती सुधारे और चीनी राजनयिकों के हितों की रक्षा करे.

चीन की यह प्रतिक्रिया उन खबरों पर आई है, जिनमें कहा गया कि दूतावास के दो अधिकारी वर्जीनिया में संवदेनशील सैन्य अड्डे में घुस गए थे, जिसके बाद वाशिंगटन ने बीते सितंबर में उन्हें चुपचाप निष्कासित कर दिया था.

यह घटना ऐसे वक्त सामने आई है, जब यह उम्मीद की जा रही थी कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच जारी व्यापार युद्ध शुरुआती समझौता होने के बाद खत्म हो जाएगा.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने अपनी टिप्पणी में इन आरोपों को तथ्यों के पूर्णत विरोधाभासी बताया और कहा कि वह अमेरिका से सख्ती से कहते हैं कि वह अपनी गलती को सुधार ले.

गेंग ने कहा कि बीजिंग ने अमेरिका के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है, उसने वाशिंगटन से मांग की है कि वह चीन के राजनयिकों के हितों और कानून में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करे.

पढ़ें- ट्रंप की ग्रेटा को सलाह, गुस्से को काबू करो और फिल्में देखो

अखबार ने रविवार को कहा कि बीते 30 वर्षों से भी अधिक समय में पहली बार ऐसी घटना हुई है, जिसमें अमेरिका ने जासूसी के संदेह में चीन के राजनयिकों को निष्कासित किया है.

अखबार ने लिखा कि माना जाता है कि कम से कम एक राजनयिक खुफिया सेवा का अधिकारी है, जो अंडर कवर रहते हुए काम कर रहा था.

बीजिंग : चीन ने अमेरिका से अपने राजनयिकों के निष्कासन को गलत ठहराते हुए सोमवार को उसे हिदायत दी कि वह अपनी गलती सुधारे और चीनी राजनयिकों के हितों की रक्षा करे.

चीन की यह प्रतिक्रिया उन खबरों पर आई है, जिनमें कहा गया कि दूतावास के दो अधिकारी वर्जीनिया में संवदेनशील सैन्य अड्डे में घुस गए थे, जिसके बाद वाशिंगटन ने बीते सितंबर में उन्हें चुपचाप निष्कासित कर दिया था.

यह घटना ऐसे वक्त सामने आई है, जब यह उम्मीद की जा रही थी कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच जारी व्यापार युद्ध शुरुआती समझौता होने के बाद खत्म हो जाएगा.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने अपनी टिप्पणी में इन आरोपों को तथ्यों के पूर्णत विरोधाभासी बताया और कहा कि वह अमेरिका से सख्ती से कहते हैं कि वह अपनी गलती को सुधार ले.

गेंग ने कहा कि बीजिंग ने अमेरिका के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है, उसने वाशिंगटन से मांग की है कि वह चीन के राजनयिकों के हितों और कानून में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करे.

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अखबार ने रविवार को कहा कि बीते 30 वर्षों से भी अधिक समय में पहली बार ऐसी घटना हुई है, जिसमें अमेरिका ने जासूसी के संदेह में चीन के राजनयिकों को निष्कासित किया है.

अखबार ने लिखा कि माना जाता है कि कम से कम एक राजनयिक खुफिया सेवा का अधिकारी है, जो अंडर कवर रहते हुए काम कर रहा था.

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https://www.aninews.in/news/world/us/us-secretly-expelled-two-chinese-diplomats-who-entered-sensitive-military-base-report20191215230148/


Conclusion:
Last Updated : Dec 16, 2019, 8:36 PM IST
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