वॉशिंगटन : अमेरिका ने कोरोना वायरस से प्रभावित चीन तथा अन्य देशों को इस महामारी से लड़ाई के लिए 10 करोड़ डॉलर की मदद की पेशकश की है. इस संबंध में विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को कहा, 'इस महामारी से लड़ाई के लिए यह प्रतिबद्धता अमेरिका के मजबूत नेतृत्व को प्रमाणित करती है.'
गौरतलब है कि अमेरिका की यह घोषणा ऐसे समय आई है जब चीन में इस वायरस से अब तक 722 लोगों की मौत हो चुकी है और डब्ल्यूएचओ ने इसे स्वास्थ्य इमजेंसी भी घोषित कर दिया है.
विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा, 'इस महामारी से लड़ाई के लिए यह प्रतिबद्धता अमेरिका के मजबूत नेतृत्व को प्रमाणित करती है.'
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने घोषणा की है कि चीन को कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने में मदद करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका 100 मिलियन अमरीकी डालर का अतिरिक्त समर्थन प्रदान करेगा.
गौरतलब है कि चीन के वुहान शहर से इस वायरस का संक्रमण दिसंबर माह में शुरू हुआ था, जो लगभग पूरी दुनिया में फैल चुका है.
फिलहाल यह वायरस लाइलाज है, लेकिन कुछ स्वास्थ्य संगठनों को एचआईवी और अन्य ऐंटीवायरल दवाओं को मिलाकर इसका इलाज करने में थोड़ी सफलता मिली है.
एहतियात के तौर परअमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर ने अस्थाई रूप से गैर-नागरिकों (जिन्होंने हाल ही में चीन की यात्रा की है) के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं.
कोरोना वायरस का कहर जारी, मृतकों की संख्या 719 पहुंची
गौरतलब है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने भी शुक्रवार को चेतावनी दी कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने वाले मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों की दुनियाभर में कमी हो रही है. तेदरोस अदहानोम गेब्रेयसस ने जिनेवा में डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड को बताया, 'दुनिया सुरक्षा उपकरण की भारी कमी का सामना कर रही है.'
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए भारत ने अपने सभी छात्रों को वुहान शहर से स्पेशल विमान से वापस देश बुला लिया है.