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ईरान ने अमेरिका से तनाव के बीच 20 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन शुरू किया

ईरान ने अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच 20 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन शुरू कर दिया है. एक दशक पहले ईरान के 20 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन के फैसले से उसका इजराइल के साथ तनाव हो गया था. यह तनाव 2015 में परमाणु समझौते के बाद ही कम हो सका था.

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Published : Jan 4, 2021, 7:59 PM IST

तेहरान : ईरान ने सोमवार को कहा कि उसने एक भूमिगत परमाणु इकाई में 20 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन शुरू कर दिया है. ईरान ने यह कदम अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच उठाया है. 20 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन 90 प्रतिशत के हथियार-ग्रेड के स्तर से अलग एक तकनीकी कदम होता है.

ईरानी सरकारी टेलीविजन चैनल ने प्रवक्ता अली रबिई के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति हसन रूहानी ने फोर्डो इकाई में इस कदम के लिए आदेश दिये हैं.

एक दशक पहले ईरान के 20 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन के फैसले से उसका इजराइल के साथ तनाव हो गया था. यह तनाव 2015 में परमाणु समझौते के बाद ही कम हो सका था. 20 प्रतिशत संवर्धन की फिर से शुरुआत के कारण पुन: अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2018 में ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा तौर पर अलग कर लेने के बाद उठाया गया है. उसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने वाली कई घटनाएं हुई हैं.

ईरान का यह निर्णय उसकी संसद द्वारा एक विधेयक पारित किए जाने के बाद आया है, जिसे बाद में संवैधानिक निगरानी इकाई द्वारा अनुमोदित किया गया था. विधेयका का उद्देश्य प्रतिबंधों से राहत के लिए यूरोप पर दबाव बढ़ाने के वास्ते संवर्घन में वृद्धि करना है.

इससे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथग्रहण से पहले भी दबाव बनेगा जिन्होंने कहा है कि वह परमाणु समझौते में फिर से शामिल होने के लिए तैयार हैं.

ईरान ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को सूचित किया था कि उसकी योजना यह कदम उठाने की है.

फोर्डो इकाई पर्वतों से घिरी हुई है और इसकी सुरक्षा के लिए विमान भेदी तोप तैनात करने के साथ ही अन्य सुरक्षात्मक उपाय किये गए हैं. यह एक फुटबाल मैदान जितना बड़ा है और यहां पर तीन हजार ‘सेंटीफ्यूज’ आसानी से रखे जा सकते हैं. अमेरिका ने इसका पता 2009 में लगाया था और अमेरिकी अधिकारियों ने इसके पीछे एक सैन्य उद्देश्य होने का संदेह जताया था.

पढ़ें - ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की पहली बरसी, निकाला मातमी जुलूस

ईरान 2015 में प्रतिबंधों में ढील के बदले अपना संवर्धन सीमित करने पर सहमत हो गया था. समझौते में फोर्डो को एक अनुसंधान एवं विकास इकाई में तब्दील करने का भी उल्लेख है.

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के कार्यकाल में तेहरान ने 20 प्रतिशत स्तर का संवर्धन शुरू किया था. इजराइल को भय है कि तेहरान एक परमाणु बम बना रहा है.

फोर्डो इकाई का पता चलने के बाद अमेरिका ने तथाकथित 'बंकर बस्टर' बम पर काम शुरू किया, जिसे ऐसी इकाई पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया था. इजराइल ने एक समय फोर्डो जैसे ईरानी परमाणु इकाई पर बम से हमला करने की धमकी दी थी तब अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें कथित तौर पर एक वीडियो दिखाया था जिसमें एक बंकर बस्टर बम को अमेरिका के दक्षिण पश्चिम रेगिस्तानी इलाके में फोर्डो जैसी इकाई को नष्ट करते दिखाया गया था.

तेहरान : ईरान ने सोमवार को कहा कि उसने एक भूमिगत परमाणु इकाई में 20 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन शुरू कर दिया है. ईरान ने यह कदम अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच उठाया है. 20 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन 90 प्रतिशत के हथियार-ग्रेड के स्तर से अलग एक तकनीकी कदम होता है.

ईरानी सरकारी टेलीविजन चैनल ने प्रवक्ता अली रबिई के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति हसन रूहानी ने फोर्डो इकाई में इस कदम के लिए आदेश दिये हैं.

एक दशक पहले ईरान के 20 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन के फैसले से उसका इजराइल के साथ तनाव हो गया था. यह तनाव 2015 में परमाणु समझौते के बाद ही कम हो सका था. 20 प्रतिशत संवर्धन की फिर से शुरुआत के कारण पुन: अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2018 में ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा तौर पर अलग कर लेने के बाद उठाया गया है. उसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने वाली कई घटनाएं हुई हैं.

ईरान का यह निर्णय उसकी संसद द्वारा एक विधेयक पारित किए जाने के बाद आया है, जिसे बाद में संवैधानिक निगरानी इकाई द्वारा अनुमोदित किया गया था. विधेयका का उद्देश्य प्रतिबंधों से राहत के लिए यूरोप पर दबाव बढ़ाने के वास्ते संवर्घन में वृद्धि करना है.

इससे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथग्रहण से पहले भी दबाव बनेगा जिन्होंने कहा है कि वह परमाणु समझौते में फिर से शामिल होने के लिए तैयार हैं.

ईरान ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को सूचित किया था कि उसकी योजना यह कदम उठाने की है.

फोर्डो इकाई पर्वतों से घिरी हुई है और इसकी सुरक्षा के लिए विमान भेदी तोप तैनात करने के साथ ही अन्य सुरक्षात्मक उपाय किये गए हैं. यह एक फुटबाल मैदान जितना बड़ा है और यहां पर तीन हजार ‘सेंटीफ्यूज’ आसानी से रखे जा सकते हैं. अमेरिका ने इसका पता 2009 में लगाया था और अमेरिकी अधिकारियों ने इसके पीछे एक सैन्य उद्देश्य होने का संदेह जताया था.

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ईरान 2015 में प्रतिबंधों में ढील के बदले अपना संवर्धन सीमित करने पर सहमत हो गया था. समझौते में फोर्डो को एक अनुसंधान एवं विकास इकाई में तब्दील करने का भी उल्लेख है.

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के कार्यकाल में तेहरान ने 20 प्रतिशत स्तर का संवर्धन शुरू किया था. इजराइल को भय है कि तेहरान एक परमाणु बम बना रहा है.

फोर्डो इकाई का पता चलने के बाद अमेरिका ने तथाकथित 'बंकर बस्टर' बम पर काम शुरू किया, जिसे ऐसी इकाई पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया था. इजराइल ने एक समय फोर्डो जैसे ईरानी परमाणु इकाई पर बम से हमला करने की धमकी दी थी तब अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें कथित तौर पर एक वीडियो दिखाया था जिसमें एक बंकर बस्टर बम को अमेरिका के दक्षिण पश्चिम रेगिस्तानी इलाके में फोर्डो जैसी इकाई को नष्ट करते दिखाया गया था.

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