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जी20 का आगामी शिखर सम्मेलन होगा मील का पत्थर: सऊदी अरब - सऊदी अरब

जी20 समूह का आगामी शिखर सम्मेलन आभासी तरीके से 21-22 नवंबर को होने वाला है. जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने कहा है कि यह शिखर सम्मेलन कोरोनो वायरस महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों पर केंद्रित होगा.

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Published : Nov 15, 2020, 10:28 PM IST

नई दिल्ली : विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि समूह का आगामी शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा. यह सम्मेलन आभासी तरीके से 21-22 नवंबर को होने वाला है.

सऊदी अरब ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करने के लिए जी20 से राजकोषीय समर्थन, कर्ज में कटौती तथा अन्य मौद्रिक उपायों की अपेक्षा की जा रही है.

भारत में सऊदी अरब के राजदूत सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन काफी हद तक कोरोनो वायरस महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों पर केंद्रित होगा.

अल सती ने कहा कि सऊदी अरब उस ज्ञान और अनुभव को महत्व देता है, जो भारत ने जी20 को दिया है. इसके साथ-साथ महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर के कई देशों में चिकित्सकीय सामान एवं सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने के भारत के उल्लेखनीय प्रयासों को भी सऊदी अरब तवज्जो देता है.

राजदूत ने कहा कि सऊदी अरब पहले ही महामारी से जी20 देशों तथा अन्य देशों के समक्ष आई दिक्कतों का ठोस नीतिगत समाधान निकालने के लिए दुनियाभर की कंपनियों व अध्ययन संस्थानाअें के साथ-साथ विभिन्न संबंद्ध पक्षों के साथ संवाद कर रहा है.

जी20 समूह में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. ये देश वैश्विक जीडीपी में 85 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो-तिहाई हिस्से का योगदान देते हैं.

1930 के महामंदी के बाद की सबसे खराब वैश्विक मंदी के बीच शक्तिशाली समूह का यह शिखर सम्मेलन हो रहा है. मार्च में एक आभासी शिखर सम्मेलन के बाद जी20 ने महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर से अधिक पूंजी लगाने की घोषणा की थी.

यह भी पढ़ें- इंग्लैंड में लॉकडाउन खत्म करने के लिए अगले दो हफ्ते होंगे महत्वपूर्ण

अल सती ने कहा कि 21-22 नवंबर को होने वाली बैठक एक मील का पत्थर साबित होने वाली है. जी20 के सदस्य इस वर्ष के दौरान दूसरी बार बैठक करने जा रहे हैं. प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकों और नेताओं के शिखर सम्मेलन के साथ जी20 ने आठ संयुक्त समूहों के काम पर बहुत ध्यान दिया है.

उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख एजेंडा के बीच यह शिखर सम्मेलन महामारी के प्रभाव को कम करने, भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर काम करेगा.

नई दिल्ली : विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि समूह का आगामी शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा. यह सम्मेलन आभासी तरीके से 21-22 नवंबर को होने वाला है.

सऊदी अरब ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करने के लिए जी20 से राजकोषीय समर्थन, कर्ज में कटौती तथा अन्य मौद्रिक उपायों की अपेक्षा की जा रही है.

भारत में सऊदी अरब के राजदूत सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन काफी हद तक कोरोनो वायरस महामारी के प्रभावों, भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कदमों पर केंद्रित होगा.

अल सती ने कहा कि सऊदी अरब उस ज्ञान और अनुभव को महत्व देता है, जो भारत ने जी20 को दिया है. इसके साथ-साथ महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर के कई देशों में चिकित्सकीय सामान एवं सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने के भारत के उल्लेखनीय प्रयासों को भी सऊदी अरब तवज्जो देता है.

राजदूत ने कहा कि सऊदी अरब पहले ही महामारी से जी20 देशों तथा अन्य देशों के समक्ष आई दिक्कतों का ठोस नीतिगत समाधान निकालने के लिए दुनियाभर की कंपनियों व अध्ययन संस्थानाअें के साथ-साथ विभिन्न संबंद्ध पक्षों के साथ संवाद कर रहा है.

जी20 समूह में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. ये देश वैश्विक जीडीपी में 85 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो-तिहाई हिस्से का योगदान देते हैं.

1930 के महामंदी के बाद की सबसे खराब वैश्विक मंदी के बीच शक्तिशाली समूह का यह शिखर सम्मेलन हो रहा है. मार्च में एक आभासी शिखर सम्मेलन के बाद जी20 ने महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर से अधिक पूंजी लगाने की घोषणा की थी.

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अल सती ने कहा कि 21-22 नवंबर को होने वाली बैठक एक मील का पत्थर साबित होने वाली है. जी20 के सदस्य इस वर्ष के दौरान दूसरी बार बैठक करने जा रहे हैं. प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकों और नेताओं के शिखर सम्मेलन के साथ जी20 ने आठ संयुक्त समूहों के काम पर बहुत ध्यान दिया है.

उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख एजेंडा के बीच यह शिखर सम्मेलन महामारी के प्रभाव को कम करने, भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर काम करेगा.

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