ETV Bharat / international

अफगानिस्तान में फिर से आतंकी शिविरों काे पनपने नहीं दे सकते : तिरुमूर्ति

अगस्त के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अध्यक्ष राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के लिए गहरी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि 'हम अफगानिस्तान में आतंकी शिविरों को फिर से पनपने नहीं दे सकते और इसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा.'

अफगानिस्तान
अफगानिस्तान
author img

By

Published : Aug 3, 2021, 4:53 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : वर्ष 2021-22 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य भारत ने अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शक्तिशाली निकाय की अध्यक्षता संभाली है. तिरुमूर्ति ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा, 'अफगानिस्तान की स्थिति सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के लिए गहरी चिंता का विषय है और हमने देखा है कि हाल के दिनों में हिंसा बढ़ रही है.'

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से बात करते हुए संरा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि मई-जून के दौरान अफगानिस्तान में हताहतों की संख्या जनवरी और अप्रैल के बीच हताहतों की संख्या से अधिक है.

अफगानिस्तान की स्थिति और हिंसा में और वृद्धि को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद क्या कर सकती है, इस सवाल के जवाब में तिरुमूर्ति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है, 'संभवत: सुरक्षा परिषद अफगानिस्तान के संबंध में इस पहलू पर जल्द गौर करेगी.'

उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की बात है, नयी दिल्ली ने बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि 'हम एक स्वतंत्र, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और एक स्थिर अफगानिस्तान देखना चाहते हैं. भारत ने अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा और स्थिरता लाने वाले हर अवसर का समर्थन किया है.'

तिरुमूर्ति ने कहा, 'हम आश्वस्त हैं कि... हमें हिंसा और लक्षित हमलों के सवाल का समाधान करना चाहिए और ये बहुत गंभीर चिंताएं हैं तथा सभी तरह की हिंसा खत्म होनी चाहिए. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से भी जुड़ाव खत्म करने चाहिए. हम एक बार फिर अफगानिस्तान में आतंकवादी शिविर पनपने नहीं दे सकते...और इसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा.'

तिरुमूर्ति ने चिंता जतायी कि लक्षित हमले बढ़ रहे हैं और महिलाओं, लड़कियों तथा अल्पसंख्यकों को सुनियोजित रूप से निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समावेशी अफगान-नेतृत्व वाली, अफगान-स्वामित्व वाली और अफगान-नियंत्रित प्रक्रिया के माध्यम से एक स्थायी राजनीतिक समझौता अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने रेखांकित किया, 'पिछले लगभग 20 वर्षों में हमने जो लाभ हासिल किए हैं, उसकी रक्षा करना हमारे लिए भी महत्वपूर्ण है.' अफगान महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यकों की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें : अमेरिका ने अफगान नागरिकों काे बचाने का अभियान किया तेज

तिरुमूर्ति ने कहा, 'उन्हें एक सुरक्षित और लोकतांत्रिक भविष्य की जरूरत है. मुझे लगता है कि यही वह जगह है जहां हम मानते हैं कि अफगानिस्तान में सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार को लोगों की नजर में वैध सरकार के रूप में देखा जाना चाहिए. शांतिपूर्ण वार्ता को सभी पक्षों को गंभीरता से लेना चाहिए. वे जो संवाद कर रहे हैं उसमें तेजी लाने की जरूरत है.'

संयुक्त राष्ट्र : वर्ष 2021-22 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य भारत ने अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शक्तिशाली निकाय की अध्यक्षता संभाली है. तिरुमूर्ति ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा, 'अफगानिस्तान की स्थिति सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के लिए गहरी चिंता का विषय है और हमने देखा है कि हाल के दिनों में हिंसा बढ़ रही है.'

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से बात करते हुए संरा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि मई-जून के दौरान अफगानिस्तान में हताहतों की संख्या जनवरी और अप्रैल के बीच हताहतों की संख्या से अधिक है.

अफगानिस्तान की स्थिति और हिंसा में और वृद्धि को रोकने के लिए सुरक्षा परिषद क्या कर सकती है, इस सवाल के जवाब में तिरुमूर्ति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है, 'संभवत: सुरक्षा परिषद अफगानिस्तान के संबंध में इस पहलू पर जल्द गौर करेगी.'

उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की बात है, नयी दिल्ली ने बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि 'हम एक स्वतंत्र, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और एक स्थिर अफगानिस्तान देखना चाहते हैं. भारत ने अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा और स्थिरता लाने वाले हर अवसर का समर्थन किया है.'

तिरुमूर्ति ने कहा, 'हम आश्वस्त हैं कि... हमें हिंसा और लक्षित हमलों के सवाल का समाधान करना चाहिए और ये बहुत गंभीर चिंताएं हैं तथा सभी तरह की हिंसा खत्म होनी चाहिए. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से भी जुड़ाव खत्म करने चाहिए. हम एक बार फिर अफगानिस्तान में आतंकवादी शिविर पनपने नहीं दे सकते...और इसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा.'

तिरुमूर्ति ने चिंता जतायी कि लक्षित हमले बढ़ रहे हैं और महिलाओं, लड़कियों तथा अल्पसंख्यकों को सुनियोजित रूप से निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समावेशी अफगान-नेतृत्व वाली, अफगान-स्वामित्व वाली और अफगान-नियंत्रित प्रक्रिया के माध्यम से एक स्थायी राजनीतिक समझौता अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने रेखांकित किया, 'पिछले लगभग 20 वर्षों में हमने जो लाभ हासिल किए हैं, उसकी रक्षा करना हमारे लिए भी महत्वपूर्ण है.' अफगान महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यकों की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें : अमेरिका ने अफगान नागरिकों काे बचाने का अभियान किया तेज

तिरुमूर्ति ने कहा, 'उन्हें एक सुरक्षित और लोकतांत्रिक भविष्य की जरूरत है. मुझे लगता है कि यही वह जगह है जहां हम मानते हैं कि अफगानिस्तान में सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार को लोगों की नजर में वैध सरकार के रूप में देखा जाना चाहिए. शांतिपूर्ण वार्ता को सभी पक्षों को गंभीरता से लेना चाहिए. वे जो संवाद कर रहे हैं उसमें तेजी लाने की जरूरत है.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.