हैदराबादः दशकों तक हिरोशिमा के मेयर तदातोशी अकीबा ने परमाणु हथियारों के उपयोग को समाप्त करने के लिए परमाणु परीक्षण किए जाने पर हर बार विरोध के पत्र लिखे. मगर फिर भी प्रयास सफल नहीं हुए. आइये जानते इस दूसरे विश्वयुद्ध से जुड़ी कुछ अन्य जानकारियों के बारे में.
1945 में तुसतोमुयामागुची नाम का एक व्यक्ति हिरोशिमा में परमाणु विस्फोट से बच गया, किसी तरह उसने खुद को बचाया, रात वहीं बिताई ताकि सुबह ट्रेन पकड़ सके ताकि वह समय पर नागासाकी पहुंच सके और अपनी ड्यूटी जॉइन कर सके.
ओलियंडर हिरोशिमा शहर का आधिकारिक फूल है क्योंकि यह 1945 में परमाणु बम विस्फोट के बाद फिर से खिलने वाली पहली चीज थी.
एनोला गे पर सवार 12 लोगों में से केवल 3 लोग हिरोशिमा में अपने मिशन के वास्तविक उद्देश्य को जानते थे
दूसरे विश्वयुद्धकी सबसे विनाशकारी बमबारी की घटना न तो हिरोशिमा थी और न ही नागासाकी. यह था टोक्यो का अमेरिकी फायरबॉम्बिंग ऑपरेशन मीटिंगहाउस.
गिंगको बिलोबा पेड़ की एक प्रजाति 270 मिलियन वर्ष पुरानी है. जो शायद ही कभी बीमारी या कीट से ग्रस्त हुई हो. हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी के बाद यह एकमात्र चीज जो जीवित बची रह सकी. ये जल्दी ठीक भी हो गए और आज भी जीवित हैं.
हिरोशिमा के बाद जापानी सेना ने अपने देश के हर पुरुष, महिला और बच्चे के साथ अमेरिका से लड़ने की योजना बनाई. बिल्कुल कामिक्से शैली में. कामिक्से एक हमले की आत्मघाती शैली होती है जिसमें जापानी एक्सपर्ट थे. उन्होंने तब भी तख्तापलट का प्रयास किया जब जापान को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया.
जापान ने हिरोशिमा के बम विस्फोटों की प्रतिक्रिया के रूप में गॉडजिला बनाई. इसमें राक्षस खुद हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु विस्फोटों के परिणामस्वरूप पैदा हुआ था.
हिरोशिमा और नागासाकी पर विस्फोट से पहले अमेरिका ने लगभग 49 अभ्यास बम गिराए, जिनका नाम कद्दू बम था, जिसमें 400 मारे गए और 1200 घायल हुए.